गतिमान होगी अर्थव्यवस्था

जल्द गतिमान होगी अर्थव्यवस्था


कमी की वजह से वे कर्ज की किस्तें व ब्याज समय पर जमा नहीं कर पाते हैं, जिसके कारण उनके बैंक खाते एनपीए हो जाते हैं। एक निश्चित समय के बाद उनके खाते एनसीएलटी में चले जाते हैं। परियोजना में देरी होने पर उसकी लागत में बढ़ोतरी होने से भी विकासक को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा निर्यातकों को जनवरी, 2020 से रेमिशन ऑफ ड्यूटी और टैक्स ऑन एक्सपोर्ट प्रोडक्ट के तहत कई प्रकार की आर्थिक मदद दी जाएगी, जिसके लिए सरकार 50,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। नई योजना का लाभ सभी प्रकार की वस्तुओं के निर्यात एवं सेवा निर्यात को मिलेगा। नई योजना विश्व व्यापार संगठन के नियमों के मुताबिक होगी, ताकि किसी तरह की परेशानी न आए। फिलवक्त, वस्तुओं के निर्यात में गिरावट का दौर चल रहा है। अगस्त माह के निर्यात में पिछले साल के अगस्त के मुकाबले 6.05 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। सितंबर, 2019 से इनपुट टैक्स क्रेडिट का रिफंड ऑनलाइन दिया जाएगा, जिससे निर्यातकों को पूंजी संकट से मुक्ति मिलेगी। अब बैंक निर्यातकों को कर्ज देने में प्राथमिकता देंगे। निर्यातकों को 36,000 करोड़ से 68,000 करोड़ रुपये कर्ज के रूप में दिए जाएंगे। निर्यात क्षेत्र को दिये जाने वाले कर्ज की निगरानी भारतीय रिजर्व बैंक करेगा। फिलहाल देश के बंदरगाहों से निर्यात के सामान भेजने में ज्यादा समय लगता है। उदाहरण के तौर पर बोस्टन बंदरगाह पर सामान को भेजने में सिर्फ 0.55 दिन का समय लगता है, जबकि शंघाई में यह समय 0.83 दिन है। वहीं,भारत के कोच्चि से सामान भेजने में 1.10 दिन लगते हैं। इसलिये सरकार चाहती है कि 3 महीनों के अंदर भारतीय बंदरगाहों को वैश्विक स्तर का बनाया जाए ताकि निर्यातक समय-सीमा के अंदर निर्यात कर सकें। सरकार चाहती है कि आयातित एवं निर्यात की जाने वाली वस्तुओं की नियमित तौर पर जांच की जाए। निर्यातकों को एक तय समय-सीमा में ऐसी प्रणाली को अपनानी होगी, जिसकी मदद से निर्यात किये जाने वाले उत्पादों की गुणवत्ता की जांच की जा सके। हैंडीक्राफ्ट्स के ई-निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक शिल्पकारों को निर्यात के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए शिल्पकारों को ईप्लेटफार्म पर पंजीकृत किया जाएगा। एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल इस काम में हैंडीक्राफ्ट्स निर्यातकों की मदद करेगा। भारत अभी भी विश्व की तेज गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए सरकार निरंतर कोशिश भी कर रही है। इसी क्रम में सरकार ने अर्थव्यवस्था में छाई मंदी को दूर करने के लिए कई सुधारात्मक उपायों की घोषणा की है। उम्मीद है कि इनसे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।


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