मध्यवर्गीय परिवारों का हाल किसी से छुपा नहीं है सरकारें आती हैं जातीं है परन्तु मध्यवर्गीय परिवारों कि हालत आज भी जस कि तस बनीं हुईं हैं इसका दोषी कोई और नहीं हम परिवार स्वयं भी इसके जिम्मेवार होते हैं क्यूंकि कोई भी अपनी बात कहना ही नहीं चाहता और न हीं इकठ्ठे होकर किसी नेता व प्रशाशन के समक्ष रखता क्यूंकि इसके लिए समय और लोग चाहिए और दोनों के आभाव के कारण नीचे और ऊपर वाले परिवारों कि मार बीचका होने के कारण यह समूह झेल रहा है और स्पष्ट कहूँ तो अधिकतर बीचके परिवार वह हैं जो गाँव छोड़कर शहरों में पलायन कर गए अन्ता गाँव का किसान जो कि निरन्तर अपने कार्य को बड़ी जिम्मेवारी से निभा रहा है I 

अब जाकर कुछ मध्यवर्गीय परिवार आक्रोशित हुए हैं और उसका ठीकरा मोदी सरकार पर फोड़ना चाहते हैं जिसमें कि हाल ही में पूर्व गवर्नर श्री रघुराम राजन का व्यान काफी सुर्ख़ियों में रहा है, देखते हैं २०२४ में इसका क्या प्रभाव पड़ता है I  

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