19 साल की लड़की को बचाया

डीसीडब्ल्यू ने असम से आई 19 साल की लड़की को बचाया


हरिभूमि न्यूज. नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली में घरेलू काम करने के लिए तस्करी कर असम से लाई गई 19 साल की एक और लड़की को बचाया है। डीसीडब्ल्यू से मिली जानकारी के अनुसार डीसीडब्ल्यू की हेल्प लाइन 181 पर पीड़िता के फूफा ने शिकायत की कि उनकी भतीजी को दिल्ली के एक घर में बंदी बना लिया गया है और उन्होंने पीड़िता का नंबर दिया। शिकायत पर तुंरत कार्रवाई करते हुए डीसीडब्ल्यू की टीम ने पीड़तिा से बात की। पीड़तिा ने फोन पर बताया कि वह पंजाबी बाग के एक पॉश इलाके में एक घर में काम कर रही थी। पीड़िता को घर का नंबर नहीं पता था। हालांकि डीसीडब्ल्यू की टीम किसी तरह लड़की को ढूंढने में सफल रही और उसे पंजाबी बाग पुलिस स्टेशन ले गई। पीड़िता ने बताया कि वह 2 दिनों तक प्लेसमेंट एजेंट प्रवीण के घर/कार्यालय में लड़की को बचाया रही और फिर लड़कियों को विभिन्न स्थानों पर काम करने के लिए भेज दिया गया। पीड़िता असम के उदलगुड़ी जिले की रहने वाली है जहां वह अपनी मां और 2 भाई-बहनों के साथ रहती थी। पीड़तिा को उसी के गांव से आकाश नाम का लड़का 2 अन्य लड़कियों के असम से दिल्ली लाया था। वह लड़कियों को दिल्ली में नौकरी देने के वादे के साथ फुसला कर पंजाब ले गया। फिर उसने उन्हें दिल्ली लाकर प्रवीण नाम के एक एजेंट को बेच दिया। आयोग ने कुछ दिन पहले उसी समूह की लड़कियों में से एक को बचाया था, जिसे उसी एजेंट द्वारा दिल्ली के अशोक विहार में एक घर में बंधुआ मजदूरी करने के लिए मजबूर किया गया था। दिल्ली पुलिस ने उस मामले में एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन आज तक किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है।


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