EU सांसदों के घाटी दौरे

EU सांसदों के घाटी दौरे पर हंगामा बरपाने वाले मोदी की चाल समझ नहीं पा रहे


वाले मोदी नि:संदेह हमारी विदेश नीति, हमारा राजनय, आज नए भारत का प्रतिनिधित्व करता है। भारत की छवि मोदी सरकार के नेतृत्व में शांति के लिये एकतरफा प्रयास करते हुए दब्बू देश से हटकर एक मजबूत इरादों वाले मुल्क की बनी है। कश्मीर दौरे पर आए यूरोपियन यूनियन के संसदीय प्रतिनिधि मंडल को लेकर जो विवाद की स्थिति देश के राजनीतिक एवं मीडिया जगत में देखी गई वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। अपनी पत्रकारवार्ता में इस प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने जिस अफसोसजनक अंदाज में इस दौरे को लेकर भारतीय मीडिया और कुछ नेताओं के बयान पर क्षोभ जताया है वह राजनयिक रूप से भारत के पक्ष को कमजोर करने वाला पहलू है। बेहतर होता देश के सभी राजनीतिक दल भारत की रहते। यूरोपियन यूनियन संसदीय मंडल के सदस्यों चाल समझ को जिस तरह से व्यक्तिगत तौर पर निशाना बनाया गया उन्हें हिटलर और नाजीवाद का अनुयायी बताकर लांछित करने की कोशिशें हुईं उसने एक बार फिर भारत के आधुनिक राष्ट्रीय राज्य के आकार को प्रश्नचिन्हित करने का काम किया है। आज इस बात से कौन इनकार कर सकता है कि कश्मीर एक बिगड़ा हुआ मामला था, इसकी बुनियाद के कारणों पर खींचतान से बेहतर पक्ष इसके निराकरण का है और राष्ट्रीय हित यही है कि इस मामले में भारत समवेत स्वर में ही उदघोष करे। यही आधुनिक राष्ट्रीय राज्य का आज अनिवार्य तत्व है। पूरी दुनिया में शायद ही कोई मुल्क होगा जहां आतंकवाद, अलगाववाद से जूझते अपने ही इलाके को लेकर स्थानीय राजनीति में इस तरह की मतभिन्नता दिखाई देती है। नेशन फर्स्ट के नाम पर भारत में बात तो बहुत होती है पर जमीन पर आज भी हमारे राजनीतिक दल एक भारत श्रेष्ठ भारत की सोच के साथ समेकन नहीं कर पा रहे हैं। कश्मीर को लेकर भारत सरकार का मौजूदा प्रयास बहुत ही साहसिक और भारत की धमक को अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में स्थापित करने वाला है। नि:संदेह हमारी विदेश नीति, हमारा राजनय, आज नए भारत का प्रतिनिधित्व करता है। भारत की छवि मोदी सरकार के नेतृत्व में शांति के लिये एकतरफा प्रयास करते हुए दब्बू देश से हटकर एक मजबूत इरादों वाले मुल्क की बनी है। यह पहला मौका है जब हमारा चिर दुश्मन पड़ोसी पाकिस्तान आज पूरी दुनिया में अलगथलग पड़ गया है उसके कश्मीरी प्रोपेगैंडा को भारत ने हर मोर्चे पर खंडित किया है। अनुच्छेद 370 के हटाये जाने के बाद से पूरी दुनिया में पाकिस्तान ने कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन और सुरक्षा बलों के कथित दमन को लेकर दुष्प्रचार



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