भस्मार्ती कांड में नया खलासा
महाकालेश्वर मंदिर में भस्मआरती की अनुमतियां बेचने वाले दो ओर दलालों के खिलाफ महाकाल थाने में शिकायत की गई है। एक दलाल संतोष परमार ने खुद को शहर कांग्रेस का सचिव घोषित कर बकायदा लेटरपेड छपवा रखे थे। इनमें पता भी शहर कांग्रेस कार्यालय का डला हुआ थाकांग्रेस के शहर अध्यक्ष महेश सोनी का कहना है कि संतोष परमार नाम का कोई व्यक्ति कांग्रेस में पदाधिकारी ही नहीं है। मंदिर समिति द्वारा प्राथमिक जांच के उपरांत संतोष परमार और चेतन जादम(माली) के खिलाफ महाकाल थाने में शिकायत दर्ज कराई है। मंदिर समिति की शिकायत के अनुसार संतोष परमार ने खुद को कांग्रेस का सचिव बताकर एक लेटर पेड के जरिए 6 सितंबर को 8 लोगों की महाकालेश्वर भस्मार्ती (फाइल फोटो) भस्मआरती परमिशन कराई थी। उक्त 8 दर्शनार्थी उत्तरप्रदेश के रहने वाले थे। मंदिर समिति ने इनसे फोन पर संपर्क किया तो पता चला कि इन्हें 700-700 रूपयों में भस्म आरती की परमिशन बेची गई थी। चेतन माली ने इनसे अनुमतियों के एवज में रूपए वसूले थे। उसी ने संतोष परमार के नाम के लेटरपेड से इन दर्शनार्थियों की अनुमतियां कराई थी। मंदिर समिति ने संतोष परमार के बारे में बकायदा शहर कांग्रेस कार्यालय पर भी तस्दीक की। कांग्रेस कार्यालय से ही पता चला कि संतोष परमार नाम का कोई व्यक्ति कांग्रेस में पदाधिकारी नहीं है, उसका लेटरपेड ही फर्जी था। इस खुलासे के बाद अब मंदिर समिति के भस्म आरती प्रभारी मूलचंद जूनवाल ने महाकाल थाने में चेतन माली और संतोष परमार के खिलाफ उचित कार्रवाई के लिए शिकायत की है। अब देखना यह है कि इसमें कुछ कार्रवाई होती है या मामला दब जाता है।
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