धरने पर बैठे छात्र

स्कूल के बाहर धरने पर बैठे छात्र के माता-पिता


पश्चिमी यमुना लिंक नहर में गांव ककरोई के पास नहाने गए छात्र की दिल्ली के अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। मृतक छात्र के माता-पिता बृहस्पतिवार को स्कूल गेट पर धरने पर बैठ गए। माता-पिता का आरोप है कि छुट्टी के दिन स्कूल स्टाफ ने छात्र को घर से स्कूल में पौधारोपण करवाने के लिए बुलाया था, उसके बाद उसका बेटा ककरोई नहर पर कैसे पहुंच गया। स्कूल स्टाफ की लापरवाही के कारण उन्होंने अपने इकलौते बेटे को खो दिया। मामले में स्कूल प्राचार्य ने आरोपों को नकार दिया। शहर के लाल दरवाजा निवासी यश (13) आठवीं में राजकीय स्कूल लाल दरवाजा में पढ़ता था। मृतक के पिता चंद्रशेखर ने बताया कि 10 अगस्त को उसके बेटे को स्कूल स्टाफ ने स्कूल में पौधारोपण करने बुलाया था। उन्होंने यश को स्कूल भेज दिया। बेटा घर नहीं पहुंचा तो स्कूल स्टाफ से जानकारी मांगी, लेकिन उन्होंने यश के स्कूल से चले जाने की बात कही। उन्हें जानकारी मिली की गांव ककरोई नहर पर उसे चोट लग गईघायल अवस्था में उसे लेकर अस्पताल में पहुंचे। जहां से उसे दिल्ली के अस्पताल में ले गए। जहां उपचार के दौरान उसने 25 अगस्त को दम तोड़ दिया। rul पहंचा स्कूल स्टाफ स्कूल के बाहर बेटे की गोद में तस्वीर लिए बेठी महिला ने बताया कि उसका बेटा अस्पताल में जिदंगी मौत की लड़ाई लड़ता रहा। स्कूल स्टाफ की लापरवाही के चलते बेटे को चोट लगी। करीब 15 दिन से ज्यादा अस्पताल में उपचार चला, लेकिन स्कूल से कोई उसका हाल चाल जाने अस्पताल में नहीं पहुंचा। नहर पर लगी थी चोट छात्र के पिता चंद्रशेखर ने बताया कि यश उनका इकलौता बेटा था। स्कूल में पौधारोपण करने की बात पर खुश था।वह स्कूल के लिए निकला था, लेकिन ककरोई गांव के नहर पर कैस पहुंचा उसकी जानकारी कोई नहीं दे रहा। आरोप लगाया कि उनके बेटे की मौतस्कल स्टापकी लापरवाही के कारण हुई है।


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