धर्म के साथ

धर्म के साथ धर्म की बातों को भी मानो


बुरहानपुर। सीलमपुरा स्थित राधावल्लभ मंदिर में भाद्रपद माह में चल रही श्रीमद् भागवत में पंडित शैलेन्द्र मुखिया जी ने बताया कि मानव धर्म को मानना तो ठीक है परन्तु धर्म में लिखी बातों को भी मानना चाहिए। हम राम-कृष्ण को मानते है यदि रामायण और भागवत की बातों को भी पूर्ण श्रद्धा से मानने लगे तो घर अयोध्या गोकुल और वृन्दावन बन जाए। धर्म की बातों का अनुसरण ही परिवार और राष्ट्र को संयुक्त बनाता है उन्होंने बताया कि राम-कृष्ण वहां ही प्रगट होते है जो सबको यश दे आनंद दे वही परमानंद प्रगट होते है। भक्ति वही है जो पूर्ण रूप से भगवान पर विश्वास करे। बिना विश्वास भक्ति नही होती। इस अवसर पर श्रीकृष्ण का गोकुल में प्राकट्य उत्सव मनाया गया। गोपियां भगवान के लिए माखन मिश्री लेकर पहुंची। उन्होंने आगे कहा कि यह प्रेम का स्वरुप है जिसके पास प्रेम लक्षणा भक्ति है परमात्मा उसको अपना बना लेते है। उन्होंने बताया कि प्रकृति रक्षा एवं पूजा में ही गोवर्धन जी की आरधना है इसलिए हमे प्रकृति के हिसाब से उनकी रक्षा करना चाहिए। श्रीकृष्ण ने 5 हजार वर्ष पूर्व यही संकल्प लिया था। वही संकल्प अब हम ले रहे है इसलिए हमें शास्त्रों एवं धर्म की बातो पर पूर्ण विश्वास रखना चहिए। तभी हमारे जीवन में खुशहाली आयेगी। प्रभु को प्रेम भाव से जो अर्पण करते है वह उन्हें स्वीकार कर लेते है। कलयुग तो दोषों की खान है परन्तु इस कलयुग में भगवान का नाम लेकर इस दोषों से बचकर इस भवसागर से हम पार हो सकते है। मानव जीवन भगवान का दिया हुआ उपहार है इस मानव जीवन में जितना हो सत्कर्म करे इसी में मानव का कल्याण है। कल शाम 6 बजे भागवतजी की आरती की। भागवतजी की पोथी शिरोधार्य कर शोभायात्रा निकाली गई। जिसमे चंदू पटेल,सूरज भाई व अन्य भक्त मौजूद रहे।


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