लोन के नाम आदिवासी

लोन के नाम आदिवासी ग्रामीणों से की गई लाखों रुपए की ठगी


विकासखण्ड बोड़ला सहित जिले के अन्य क्षेत्रों के ग्रामीणों के ठगी का शिकार बनाए जाने का मामला सामने है करीब सालभर पूर्व के इस मामले में करीब 50 लाख की ठगी का अनुमान लगाया जा रहा है। जिसे लेकर अब पीड़ित ग्रामीणों ने आरोपी के खिलाफ अजाक थाना में आवेदन सौंपकर शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत लेकर पहुंचे पीड़ित ग्रामीणों ने बताया कि अप्रैल 2018 में उनके क्षेत्र में सत्यनारायण पिता लक्ष्मण प्रसाद दुबे आयु 52 निवासी कुरूवा अपने एक साथी के साथ आया था और अपने आपने आपको बैंक का अधिकारी बताकर ग्रामीणों से 75 प्रतिशत सब्शिडी पर पशुपालन, प्लास्टिक उद्योग, केला लगाने, डबरी निर्माण, उद्यानकी आदि कार्यो के लिए लोन देने की बात कही थी। लोन संबंधी लुभावनी योजना बताकर क्षेत्र के भोलेभाले आदिवासियों को अपने झांसे में लेने के बाद उसने ग्रामीणों से यह भी कहा कि जो हितग्राही जितनी रकम बैंक में जमा करेगा उसे उसका 70 गुना तक लोन प्राप्त होगा। जिस पर लखनलाल मेरावी बरबसपुर ने 5 लाख 50 हजार, तुलाराम मरकाम बोड़ला ने 8 लाख, भुखन सिंह धुर्वे बांटीपथरा ने 65 हजार, घुरूवाराम रालह ने 2 लाख 55 हजार, जीतराम पंद्राम सिंघारी ने 90 हजार रूपए, बिरबल सिंह मेरावी चिल्फी ने 1 लाख 80 हजार, शिवलाल धुर्वे शीतलपानी ग्रामीणों से ने 1 लाख, सुकूल सिंह धुर्वे बरबसपुर ने 2 लाख 80 हजार रूपए सहित क्षेत्र के करीब 31 ग्रामीणों ने लाखों रूपए की राशि तथा कथित बैंक अधिकारी श्री दुबे के सुपुर्त कर दी। लेकिन सालभर से अधिक का समय निकल जाने के बाद भी न तो ग्रामीणों को लोन मिला और न ही रकम वापस हुई। ग्रामीणों ने बताया कि उनके चैक, पास बुक, आधार कार्ड भी आरोपी के पास ही मौजूद हैं। जिसके संबंध में कई बार उससे चर्चा की गई लेकिन कोई संतोष जनक जवाब नहीं दिया जा रहा है उल्टा अब तो झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी जा रही है। जिससे थकहारकर पीड़ित ग्रामीणों ने अब अजाक थाना में मामले की शिकात कर कार्यवाही की मांग की है। संत कबीर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, कवर्धा में अध्ययनरत बीएससी. (कृषि) चतुर्थ वर्ष के छात्रों द्वारा रावे कार्यक्रम के तहत ग्राम भेदली में सोयाबीन से दूध, पनीर, बडी एवं नट्स बनाने के तरीको का गांव के उपस्थित महानुभावों को प्रदर्शन दिया। उपरोक्त उत्पादों को बनाने के लिये सोयाबीन बीज का पाउडर एवं नीबू का रस का उपयोग किया गया उत्पाद के सेवन करने से गावों मे बच्चो एवं व्यस्को के स्वस्थ्य के लिये अधिक लाभकारी हैं। इन उत्पादो में सबसे अत्याधिक प्रोटीन एवं रेशा पाया जाता है जो कि बच्चों के विकास के लिये अत्याधिक आवष्यक होते हैं। इस तकनीकि का प्रयोग कर बेरोजगार लोगों को लघु उद्योग के रूप में उपयोग कर अतिरक्ति आमदानी का कमाने का सुनहरा अवसर है। का जोर काय माया छ


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