समय की मांग है सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ मुहिम
एक ही बार प्रयोग में आने वाले (सिंगल यूज) प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने के लिये मोदी सरकार ने आगामी दो अक्तूबर से देशव्यापी जनांदोलन शुरू करने की घोषणा कर दी है। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गठित पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण के अध्यक्ष भूरे लाल ने सरकार की इस मुहिम को समय की तात्कालिक और अनिवार्य मांग बताते हुए नसीहत दी है कि सिंगल यूज प्लास्टिक की श्रेणी में कौन से उत्पाद आते हैं, इनके विकल्प क्या हैं और इनका प्रयोग किस प्रकार बंद हो, इस बारे में अविलंब मानक एवं दिशानिर्देश तय करे। इस मुद्दे पर भूरे लाल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक भारत में 51 माइक्रोन से अधिक मानक वाले प्लास्टिक कैरी बैग के इस्तेमाल की छुट है, क्योंकि यह बायोडिग्रेडेबिल है। हालांकि भारत सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक के बारे में अभी तक मानक तय नहीं किये हैं, लेकिन इतना तय है कि रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल हो रहा प्लास्टिक पर्यावरण के लिये अत्यधिक घातक हैं, इसलिये सरकार ने इन्हें रोकने की मुहिम, माकूल समय पर शुरु की है। अगर हम दिल्ली की ही बात करें तो बवाना, नरेला, नांगलोई, हिरणकूदना सहित दिल्ली के अन्य इलाकों से अभी हमने लगभग 70 हजार टन प्लास्टिक कचरा बवाना स्थित शोधन संयंत्र भेजा है। दो दिन पहले ही हमने बाढ़ नियंत्रण विभाग से 8000 टन प्लास्टिक कचरा आनंद विहार से उठवाया।