एमएसबीएम ऐप से रखी गयी नजर शौचालय निर्माण में रही पारदर्शिता

शौचालय निर्माण स्वच्छ भारत मिशन के तहत उत्तर प्रदेश में शौचालयों के निर्माण में पूरी तरह पारदर्शिता सुनिश्चित की गयी। हर शौचालय की मॉनीटरिंग सेटेलाइट के जरिये की गयी। इसमें भारत सरकार की ओर से विकसित कराये गये ऐप एमएसबीएम (मॉनीटरिंग ऑफ स्वच्छ भारत मिशन) से शौचालयों के आंकड़े दर्ज किये गये। प्रदेश में पंचायती राज विभाग ने निगरानी की कमान संभाली। स्वच्छता बनाये रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार शौचालयों के निर्माण पर जोर दे रही है। अलग-अलग योजनाओं के तहत हर साल हर जिले को शौचालय निर्माण के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करायी जाती रही है। वर्तमान में सरकार की ओर से स्वच्छ भारत मिशन' योजना का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत हर शौचालय के निर्माण पर 12 हजार रुपये खर्च होते हैं। सरकार ने शौचालयों के निर्माण में भी पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अब गांवों में बनने वाले प्रत्येक शौचालय का डाटा सेटेलाइट के जरिये केन्द्रीकृत सर्वर में दर्ज करने की तैयारी की। इसमें सरकार की ओर से लांच किये गये एमएसबीएम ऐप ने मदद की। इसी के जरिये शौचालयों के आंकड़े फोटो सहित दर्ज किये गये। मोबाइल एप से लोड हुई फोटो शौचालयों के निर्माण की प्रगति के बाबत फोटो सहित फीडिंग के लिए एंड्रायड मोबाइल फोन का प्रयोग किया जा रहा है। वर्तमान में एंड्रायड मोबाइल की सहज उपलब्धता के मद्देनजर यह फैसला किया गया। मोबाइल में एमएसबीएम ऐप को इंस्टॉल करने के बाद उसमें प्रदर्शित मैप में स्थान का चयन कर शौचालय के फोटोग्राफ खींच कर अपलोड किये गये। इसमें लाभार्थी का नाम, पता और सेटेलाइट के माध्यम से प्रदर्शित अक्षांश व देशांतर को भी अंकित किया गया। इससे शौचालय निर्माण के आंकड़ों में पूरी तरह पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकी। 


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