अंगूठा गिरा था पावागढ़ में

माता सती के दाहिने पैर का अंगूठा गिरा था पावागढ़ में


अंगूठा गिरा था पावागढ़ में गुजरात के वडोदरा से करीब 50 किमी दूर स्थित पावागढ़ में देवी काली का प्रसिद्ध मंदिर है। पहाड़ी पर स्थित होने की वजह से यहां पर्यटन की दृष्टि से भी काफी लोग आते हैं। पैदल मंदिर तक पहुंचने लिए लगभग 250 सीढ़ियां चढ़ना पड़ती हैं। यहां रोपवे भी है, जिसकी मदद से मंदिर तक पहुंच सकते हैं। 52 शक्तिपीठों में से एक- काली माता का यह प्रसिद्ध मंदिर देवी मां के 52 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि माता सती के पिता दक्ष ने यज्ञ में शिवजी का अपमान किया था। इससे दुखी होकर सती ने यज्ञ कुंड में कूदकर अपने शरीर का त्याग कर दिया था। इसके बाद शिवजी देवी के मृत शरीर को लेकर पूरे ब्रह्मांड में भटकते रहे। इस दौरान जहां जहां देवी के अंग गिरे थे, वहां-वहां शक्तिपीठ स्थापित हो गए। पावागढ़ में देवी सती के दाहिने पैर का अंगूठा गिरा था। यहां दक्षिणमुखी काली मां की मूर्ति है। ऐसी मूर्ति का तांत्रिक पूजा में बहुत अधिक महत्व माना जाता है। लव-कुश से जुड़ी मान्यता- इस क्षेत्र में मान्यता प्रचलित है कि ये मंदिर श्रीराम के काल का है। यहां भगवान श्रीराम के पुत्र लव-कुश और विश्वामित्र आए थे। ऋषि विश्वामित्र ने इस मंदिर की स्थापना की थी। यहां बहने वाली नदी का नाम भी उन्हीं के नाम पर विश्वामित्री पड़ा है।


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