देर से जागा प्रशासन

देर से जागा प्रशासन, तब तक मुसीबतों को पार कर गए बच्चे


अड़तालीस घंटे से हो रही लगातर बारिश के चलते जिले भर में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ऐसे में गांव से लेकर शहर तक पानी ही पानी नजर आ रहा है। हर मकान, गन, घर, दुकान और सड़कें सबलबालब हो चुके हैंऐसे में जहां प्रशासन अपनी तरफ से तमाम कोशिशों के जरिए लोगों को राहत पहुंचाने में जुटा हुआ है। तो इसी बीच प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों और खासकर शिक्षा विभाग का एक बहुत ही लपरवाह या यूं कहे कि बेरहम किस्म का चेहरा सामने आया है। जिसका खामियाजा उन नौनिहालों को भुगतना पड़ रहा है, जो ऐसे चिंताजनक और खतरनाक हालात में जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचने के लिए मजबूर हो रहे है। शिक्षा विभाग की लेटलतीफी के कारण देर से आया लेकिन दुरूस्त नहीं तमाम सोच विचार और चिंतन-मंथन के बाद प्रशासन ने स्कूलों की छुटटी का ऐलान कर हीदिया। जिसमें अतिवर्षा का हवाला देकर 13 से 14 तारीख तक दो दिवसीय अवकाशसभी प्रकार के स्कूलों को दिया गया है। जिन स्कूलों में कक्षा 1 से 12 तक लगने वाले स्कूल शामिल हैंजिम्मेदार विभागों में बैठे उच्च अधिकारियों की बुद्धिमानी का इससे बड़ा उदाहरण और काई दूसरा नहीं हो सकता कि जिस आदेश को 13 और 14 सित बर को अवकाश के लिए जारी किया है वह 13 सित बर को दोपहर में निकाला गया तब तक जिले के सभी स्कूल लग चुके थे। यानि यह आदेश देर से आने के बाद भी दुरूस्त साबित नहीं हो सका। इस तरह एक दिन की छुटटी तो बेकार ही गई जबकि बारिश तो पिछले दो दिनों से अनावरत रूपसे हो ही रही है जिसके कारण नदी-नाले उफान पर हैं। ऐसे में छात्र-छात्राओं के सुरक्षा के हित का हवाला देकर दिया गया यह आदेश बच्चों के लिए कितना हितकारी होगा यह तो शिक्षा विभाग ही जाने। स्कूलों में अवकाश की घेषणा तो की गई लेकिन तब तक जिलेभर के हजारों स्कूली बच्चे आफत की बरसात को झेलकर स्कूल पहुंच चुके थे। तब कहीं जाकर शिक्षा विभाग का फरमान छुट्टी होने का आया। घरों से निकलना रातभर से हो रही बारिश के बाद सुबह से ही बारिश का दौर शुरू हो गया। इस कारण लोगों को सुबह से ही घरों से निकलना मुश्किल हो गया। ऐसे में दो दिन से लगातार हो रही बारिश के चलते लोगों का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। ग्रामीण क्षेत्र से लोगों का शहर तक आना मुश्किल हो गया, क्योंकि रास्ते में ताल-तलैया और नदी-नाले ऊफान पर हैं। इससे पिछले 48 घंटे से जन-जीवन अस्त व्यस्त बना रहालगातार बारिश का दौर जारी पिछले दो दिनों से जिले में तेज बारिश का दौर जारी है। ऐसे में स्कूल जाने वाले बच्चों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा। शुक्रवार को जब बच्चे सुबह स्कूल जाने के लिए तैयार हुए तो उन्हें सुबह से हो रही तेज बारिश में भीगते हुए ही स्कूल जाना पड़ा। जबकि कई बच्चों को शहर के भीतर वह रहे उफनते नालों के रपटों के ऊपर से जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचना पड़ा। सुबह से ही शहर में अजीब और गरीब नजारे देखने को मिले जब अपने बच्चों को सुरक्षा प्रदान करते परिजन इस तरह से दिखाई जैसे या तो वे किसी मुसीबत के मारे हैया उन्हें कोई तानाशाही फरमान अपने बच्चों को परेशानी में डालने के लिए विवश कर रहा है। शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी बुरा हाल देखने को मिला जहां कई स्थानों पर बच्चों को गहरे पानी से निकलकर स्कूल पहुंचना पड़ा और स्कूल बंद मिला। जबकि कुछ बच्चे स्कूल में पहुंचकर भी भींगने से नहीं बच पाए क्योंकि स्कूल की छत से टपकता पानी बच्चों को भींगने पर मजबूर कर रहा था। कैंट क्षेत्र के श्रीराम कालोनी में मजदूरी करके अपना जीवन यापन करने वाले एक परिवार पर बारिश मुसीबत बनकर टूट पड़ी। रात में जब वह अपना भरण पोषण करके चैन की नींद सो रहे थे तब उनका मकान धराशायी हो गया। यहां परिवार की महिलाओं की सतर्कता के चलते वह बाल-बाल बच गए। मिली जानकारी के अनुसार मनोज चंदेल अपने पूरे परिवार के साथ श्रीराम कालोनी में निवास करते हैं। मकान मिट्टी का बना होने से वह काफी दिनों से परेशान हो रहे थे। इस बीच पिछले 24 घंटे की बारिश के चलते रात में उनका मकान भरभराकर गिर गया। खैर मकान गिर गया लेकिन उनका पूरा परिवार बाल-बाल बच गया यह सुखद रहा। किंतु ये चिंताजनक भी है कि अब पूरा का पूरा परिवार बारिश की घड़ी में कैसे जीवन यापन कर पाएगा। बारिश ने तोडे रिकॉर्ड. बीते 24 घंटे में हई 60.7 मिमी वर्षा बारि जिले में 01 जून से अब तक 1351.2 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। जो कि सामान्य वर्षा का 128.3 प्रतिशत है। जिले में गतवर्ष इसी अवधि में 922.1 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई थी। जिले की वर्षा ऋतु में सामान्य औसत वर्षा 1053.5 मिलीमीटर है। अधीक्षक भू-अभिलेख द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 01 जून से 13 सितंबर 2019 तक जिले के वर्षामापी केन्द्र गुना में 1415.7 मिलीमीटर, बमौरी में 1385.0, आरोन में 1248.0, राघौगढ़ में 1395.0, चांचौड़ा में 1193.0 तथा वर्षामापी केन्द्र कुम्भराज में 1470.5 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। जिले में बीते 24 घंटे में आज प्रातः 08:00 बजे तक 60.7 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई। इस अवधि में वर्षा मापी केन्द्र गुना में मिमी बमोरी में 450 मिमी. आरोन में 50 मिमी. राघौगढ में 600 मिमी चांचौड़ा में 760 मिमी. एवं वर्षा मापी केन्द्र कुंभराज में 64.0 मिमी. वर्षा दर्ज की गई। स्कूल परिसर बना तालाब शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 2 के परिसर में पानी निकासी व्यवस्था ना होने का कारण स्कूल परिसर में पानी भर गया है तो पूरा परिसर तालाव जैसा दिखाई दे रहा है स्कूल परिसर से बच्चों को निकलने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है बच्चों ने बताया कि जब भी बारिश होती है पूरे परिसर में पानी भर जाता है जिससे निकलना मश्किल होता है पिछले 2 दिनों से हो रही बारिशसे स्कूल के चारों तरफ पानी भर गया हैपानी सूखने के बाद परिसर में कीचड़ हो जाता है जिसमें कई बारबच्चे फिसल कर गिर भी जाते हैं। सोयाबीन में अंकरित हई फली जिले के नजदीक ग्राम डूंगासरा के किसान वीरेंद्र धाकड़ के खेत में बारिश के चलते सोयाबीन की फसल सड़ने की कगार पर पहुंच गई है। उसके खेत में फली पकने के बाद अब अंकुरित होने लगी है। इससे किसान चिंतित है कि बारिश नही खुलेगी तो उसकी पूरी फसल नष्ट हो जाएगी। ऐसा कई गांवों में देखने मिल रहा है कि उड़द और सोयाबीन की फसल पक चुकी है जो अब सड़ने की स्थिति में पहुंच गई है।



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