इन आठ वजह से हुई मौत

इन आठ वजह से हुई मौत तो टर्म प्लान में नहीं मिलेगा मुआवजा


प जानते हैं कि टर्म प्लान में मुआवजे का दावा करने के लिए जरूरी है कि पॉलिसी खरीदने वाले व्यक्ति की मृत्यु उसमें दिए गए वजह पर ही आधारित हो। टर्म प्लान लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को बीमे की रकम मिल जाती है। बहुत से लोग यह नहीं जानते कि किस तरह मृत्यु होने पर आप बीमे की रकम का दावा नहीं कर सकते। आइये इनके बारे में जानते हैं। पॉलिसीधारक की हत्या बीमा कंपनी आपको उस स्थिति में मुआवजे के भुगतान से इंकार कर सकती है अगर पॉलिसीधारक की हत्या में नॉमिनी की भूमिका निकले। अगर पॉलिसीधारक किसी आपराधिक गतिविधि में लिप्त रहा हो तब भी उसकी हत्या पर आपको बीमा की रकम नहीं मिलेगी। को है अगर शराब की वजह से मृत्यु हो देने अगर पॉलिसी लेने वाला शराब के नशे में डाइव कर रहा हो या उसने ड्रग्स लिया हो तो इस स्थिति में मृत्यु होने की स्थिति में बीमा कंपनी मुआवजे अगर के भुगतान से इंकार कर सकती है। अधिक पीने प्लान वालों को कंपनी पॉलिसी ही जारी नहीं करती। मौत स्मोकर हैं, पर बताया नहीं अगर आप धूम्रपान करते हैं और टर्म प्लानलेने से करने पहले आपने इस बारे में बीमा कंपनी को जाती जानकारी नहीं दी तो आपके बीमा का दावा ग्लाइडिंग खारिज हो सकता है। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को स्वास्थ्य समस्या अधिक होने का खतरा होता है और बीमा कंपनी ऐसे व्यक्ति को बीमा पॉलिसी है देने के लिए अधिक प्रीमियम चार्ज करती हैं। खतरों के खिलाड़ी हैंअगर आप खतरों से खेलना पसंद करते हैं तो टर्म प्लान आपके लिए नहीं है। किसी एडवेंचर या खतरनाक एक्टिविटी में भाग लेने की वजह से हुई मौत पर भी बीमा कंपनी मुआवजे का दावा खारिज कर सकती है। जीवन को खतरा पैदा किसी करने वाली कोई भी गतिविधि इस दायरे में आ जाती है। कार या बाइक रेस, स्काई डाइविंग, पैरा हैग्लाइडिंग आदि भी इसी कैटेगरी में आती हैं। पहले से मौजूट बीलाटी से डेय..पहले से मौजूद बीमारी से डेथ अगर आपकी तबियत पहले से ही ख़राब है और आपने टर्म प्लान लेते हुए बीमा कंपनी को इस बारे में जानकारी नहीं दी तो इस वजह से मौत होने पर बीमा कंपनी आपको मुआवजा देने से इनकार कर सकती है। रेगुलर टर्म प्लान में कई वजह से मौत कवर नहीं होती। इनमें एसटीडी और एचआईवी/एड्स आदि शामिल हैंबच्चे के जन्म के वक्त मौत अगर पॉलिसी धारक की मौत बच्चे को जन्म देते वक्त किसी वजह से हो जाती है तो इस स्थिति नॉमिनी को उसके लिए मुआवजा नहीं मिल सकता। आम टर्म पॉलिसी में बच्चे पैदा होते वक्त किसी गड़बड़ी की वजह से होने वाली मृत्यु कवर नहीं की जाती। आत्महत्या अगर टर्म पॉलिसी लेने वाला व्यक्ति पॉलिसी खरीदने के पहले साल में ही आत्महत्या कर लेता है तो उसके लिए दावे को खारिज किया सकता है। पॉलिसी खरीदने के बाद दूसरे साल बहुत सी बीमा कंपनियां आत्महत्या कवरेज देती हैं, इसके भी नियम एवं शर्त को ध्यान से पढ़ना चाहिए। प्राकृतिक आपदा में मृत्यु अगर टर्म प्लान लेने वाले किसी व्यक्ति की मृत्यु किसी प्राकृतिक आपदा में हो जाती है तो बीमा कंपनी मुआवजे के भुगतान से इंकार कर सकती है। इसमें चक्रवात, भूकंप, सुनामी, बाढ़ या आग आदि शामिल हैं। हो हो


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