जमीन और नौकरी खोने का डर

जम्मू-कश्मीर के लोगों के मन से जमीन और नौकरी खोने का डर करेंगे दूर


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने मंगलवार को नई दिल्ली में 30 से अधिक देशों के विदेशी पत्रकारों से संवाद किया। अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में 50 से अधिक मीडिया संगठनों के 80 से अधिक पत्रकार मौजूद रहे। यह कार्यक्रम संघ की उन कोशिशों का हिस्सा है, जिसके तहत सरसंघचालक मोहन भागवत समाज के विभिन्न वर्गों से रचनात्मक संवाद कर संघ की कार्यपद्धति के बारे में बताने के साथ विरोधियों की ओर से फैलाई गई गलत धारणाओं को खारिज करते हैं। भागवत का विदेशी पत्रकारों से करीब ढाई घंटे संवाद चला। इस दौरान अर्थव्यवस्था, आरक्षण, अनुच्छेद 370, एनआरसी, मॉब लिंचिंग, यूनिफॉर्म सिविल कोड आदि मुद्दों पर विदेशी पत्रकारों ने सवाल पूछे। आरक्षण के सवाल पर संघ प्रमुख ने कहा कि हम आरक्षण का समर्थन करते हैं मगर इसका उचित क्रियान्वयन होना चाहिए।एनआरसी पर संघ की तरफ से कहा गया कि यह लोगों को बाहर निकालने के लिए नहीं लाया गया बल्कि यह लोगों को चिन्हित करने के लिए है। केंद्र की ओर से प्रस्तावित सिटिजिनशिप अमेंडमेंट बिल का संघ ने समर्थन किया। कहा गया कि भारत के अलावा दुनिया में और कहीं हिंदुओं को स्थान नहीं है। मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर जब विदेशी पत्रकारों ने पूछा तो संघ ने कहा कि हम हर तरह की हिंसा की निंदा करते है। स्वयंसेवक ऐसी हिंसा रोकने की कोशिशें करें। यदि कोई स्वयंसेवक दोषी पाया जाता है तो कानून अपना काम करेगा। बैठक में संघ ने हर भारतीय को हिंदू बताया।


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