नेहरू थे जिम्मेदार

पीओके के अस्तित्व में आने के लिए नेहरू थे जिम्मेदार


कद्राय गृहमत्रा आमत शाह न रविवार को कहा कि यदि जवाहरलाल नेहरु ने बेवक्त पाकिस्तान के साथ संघर्षविराम की घोषणा नहीं की होती, तो 'पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर' (पीओके) अस्तित्व में नहीं आता। शाह ने कश्मीर का भारत में 'एकीकरण नहीं करने' को लेकर (प्रथम प्रधानमंत्री) नेहरू पर निशाना साधते हुए कहा कि इस मुद्दे से, तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू के बजाय देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को निपटना चाहिए था। "गांधी परिवार को इतिहास पढ़ने की जरूरत' शाह ने कहा कि गांधी को इतिहास पढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम अतीत में (विपक्ष में रहते हुए) राष्ट्रीय मुद्दों पर सरकार के साथ रहे, जैसे अटल बिहारी वाजपेयी ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान इंदिरा गांधी का समर्थन किया था या कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 कांग्रेस के लिए एक राजनीतिक महा था और है लेकिन हमारे लिए इसे हटाना (कश्मीर के) पुनः एकीकरण का वादा था। आप (कांग्रेस) इसमें राजनीति देखते हैं लेकिन हम इसे देशभक्ति के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में 1990 से आज तक 'ऑपरेशन तुपैक' के चलते लगभग 40,000 लोग मारे गए।


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