प्रदूषण जांच केंद्र खोल करें मोटी कमाई

रत में एक सितंबर से नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू कर दिया गया है, जिसमें भारी भरकम जुर्माने का प्रावधान किया गया है। नए ट्रैफिक नियम के बाद जिस एक डॉक्यूमेंट की सबसे ज्यादा जरूरत महसूस हुई है, वो है प्रदूषण सर्टिफेकिट (पीयूसी)। महज 175 रुपये का बनाने वाला प्रदूषण सर्टिफिकेट न होने पर आपको 10 हजार रुपये का जुर्माना अदा करना पड़ सकता है। इस भारी जुर्माने के चलते प्रदूषण जांच केंद्र पर लोगों की लंबी लाइनें देखी जा रही है और जांच केंद्र की मोटी कमाई हो रही। आइए जानते हैं कि प्रदूषण जांच केंद्र खोलकर कैसे कमाई की जा सकती है। बता दें कि प्रदूषण सर्टिफिकेट तीन माह तक वैध रहता है। कैसे अप्लाई करें प्रदूषण जांच केंद्र किसी पेट्रोल पंप, ऑटोमोबाइल वर्कशॉप के पास खोल सकते हैं। इसके खोलने के लिए रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर से लाइसेंस लेना होगा। इसके लिए आरटीओ ऑफिस से में जाकर अप्लाई किया जा सकता है। कुछ स्टेट में ऑनलाइन अप्लाई करने की सुविधा है। एप्लीकेशन के साथ आपको 10 रुपये का एफिडेविट देना होगा, जिसमें टर्म एंड कंडीशन लिखना होगा। साथ ही लोकल अथॉरिटी से आपको एक नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना होगा। बता दें प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए हर एक राज्य की अगल-अलग फीस होती है। जैसे- दिल्ली के लिए- OT रिजनल टासपोखाल सकते हैं। इसके खोलने के लिए प्रदूषण जांच केंद्र पीले रंग के केबिन में होना चाहिए। इस केबिन साइज की लंबाई 2.5 मीटर, चौड़ाई 2 मीटरऊंचाई 2 मीटर होनी चाहिए। साथ ही इस पर प्रदूषण केंद्र का लाइसेंस नंबर सेंटर पर लिखा होना चाहिए। इसे कोई भी इंसान, फर्म, सोसाइटी और ट्रस्ट इसे खोल सकते कुछ स्टेट में व्यक्तिगत तौर पर पीयूसी नहीं खोल सकते हैं। ऐसी स्थिति में आपको फर्म रजिस्टर्ड करना होगावहीं इस बारे में ज्यादा जानकारी नजदीकी आरटीओ ऑफिस से हासिल की जा सकती है। कौन खोल सकता है पीयूसी खोलने के लिए आपके पास ऑटोमोबाइल कान साइज की लंबाई 2.5 मीटर लाना चाहिए। इस इंजीनियरिंग, मोटर मैकेनिक्स, ऑटो मैकेनिक्स, स्कूटर मैकेनिक्स, डीजल मैकेनिक्स या फिर इंडट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से प्रमाणित सर्टिफिकेट होना चाहिए। क्या दस्तावेज चाहिए एक कंप्यूटर, यूएसबी वेब कैमरा, इंकजेट प्रिंटर, पावर सप्लाई, इंटरनेट कनेक्शन और स्मोक एनालाइजर। नियम और शर्त प्रदूषण जांच केंद्र की तरफ से प्रिंटेड सर्टिफिकेट देना होगी। जिसमें सरकार की तरफ से जारी स्टिकर लगा होगा। सरकार प्रदूषण जांच केंद्र से स्टिकर के 2 रुपये अलग से चार्ज करती है। वहीं प्रदूषण जांच की जाने वाली गाड़ियों की डिटेल करीब एक साल तक कलेक्ट करके रखनी होगी। जिनके नाम पीयूसी का लाइसेंस होगा। वहीं व्यक्ति इसे ऑपरेट कर सकता है


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