गाजीपुर व अलष्टता पुलिस थानों का बदला जाए स्थान
पुलिस अधिकारियों ने मांग की है कि गाजीपुर और भलस्वा पुलिस थानों को कम प्रदूषित इलाकों में स्थानांतरित किया जाए क्योंकि कचरा भराव स्थल (लैंडफिल साइट) से निकलने वाला धुआं सेहत के लिये नुकसानदेह है। अधिकारियों ने दावा किया कि गाजीपुर पुलिस थाने के दो पुलिस अधिकारियों की 2013 से 2017 के बीच फेफड़ों के संक्रमण की वजह से मौत हो चुकी है। गाजीपुर पुलिस थाना जहां पूर्वी जिले में आता है वहीं भलस्वा डेयरी पुलिस थाना बाहरी उत्तरी जिले के तहत आता है। पूर्वी जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमनें पुलिस मुख्यालय को लिखा है और उनसे अनुरोध किया है कि पुलिस थाने को उसकी मौजूदा जगह से किसी कम प्रदूषित इलाके में स्थानांतरित किया जाए। हालांकि, पुलिस मुख्यालय के सूत्रों ने कहा कि पुलिस थाने का स्थानांतरण व्यावहारिक विचार नहीं है। सूत्रों ने कहा कि सरकारी निकायों ने उन्हें जमीन दी है और वे अपने अधिकारक्षेत्र में आने वाले इलाके से बाहर पुलिस थाना नहीं खोल सकते। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिये गाजीपुर पुलिस थाना गाजीपुर के बाहर स्थानांतरित नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे भ्रम फैलेगा और लोगों की पहुंच भी एक मुद्दा होगी। भौगोलिक सीमाओं के मद्देनजर, पुलिस थाने का स्थानांतरण आसान काम नहीं है। हालांकि, उन्होंने जनवरी और अप्रैल में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा किये गए वायु गुणवत्ता के सर्वेक्षण का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण में पाया गया कि कचरा भराव स्थल के नजदीक प्रदूषण ज्यादा है तथा पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर तय सीमा से ज्यादा है। डॉक्टरों ने कहा कि कचरा भराव स्थल और संक्रमण में कोई संबंध नहीं है। अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शक रेस्पिरेटरी मेडिसिन (श्वसन संबंधी), राजेश चावला ने कहा कि संक्रमण और कचरा भराव स्थल में कोई संबंध नहीं है। संक्रमण की वजह जीवाणु हैं। एसओ2, पीएम2.5 और पीएम10 की वजह से संक्रमण नहीं हो सकता