सरकारी जमीन पर रायल रेसिडेंसी

सरकारी जमीन पर तनी रायल रेसिडेंसी


जुना सोमवारिया कब्रिस्तान की जमीन को प्लाट के रूप में बेच दिए जाने का मामला अभी प्रशासनिक जांच में ही है कि शहर के एक ओर पुराने कब्रिस्तान और मुस्लिम समाज के धार्मिक स्थल की जमीन पर अवैध रूप से मल्टी बना दिए जाने का मामला भी सामने आया है। ताजा घटनाक्रम में एक शिकायत के बाद ग्राम तथा नगर निवेश विभाग से मल्टी बनाने वाले शख्स और जमींन का सौदा करने वाले दोनों को ही नोटिस जारी किया है। इनसे जमीन के न के स्वामित्व के दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया है। इसके अलावा खुद कलेक्टर शशांक मिश्रा ने भी कब्रिस्तान की जमीन के इस अवैध सौदे को टीएल में लेकर तहसीलदार को जांच के निर्देश दिए हैं। मामला, खजूरवाली मस्जिद के नजदीक गीता कॉलोनी स्थित बड़े साहब की जमीन से जुड़ा है। राजस्व रिकॉर्ड बताते हैं कि बड़ा साहब का इमामबाड़ा व कब्रिस्तान की सर्वे नंबर 1276,4361/2 की 950 वर्गफिट व सर्वे नंबर 1276,4361/2 की 0.951 हेक्टेयर जमीन वक्फ की संपत्ति के रूप में दर्ज हैवक्फ द्वारा जारी गजट में 980 व 1002 नंबर पर इस जमीन को दर्ज किया गया है। इसी शासकीय जमींन के एक बड़े हिस्से को इमामबाड़ा में सेवा करने वाले परिवार के सदस्य मेहमूद अली व जाफर अली द्वारा जुबैदा बी पति जियाराणा एवं जिया एहमद पिता मोहम्मद इस्माइल निवासी खजूरवाली मस्जिद को बेच दिया गया है। जिया एहमद राणा व उनकी धर्मपत्नी ने 342.79 वर्गमीटर जमीन पर हाल ही में एक मल्टी का निर्माण या मल्टी में फ्लेट के सौदे शुरू किए गए हैं। प्रकरण अब भी हाइकोर्ट में सरकारी जमीन का सौदा करने वाले मेहमूद अली द्वारा 2008 में सर्वे नंबर 1276,4361/2 की 950 वर्गफिट व 0.951 हेक्टेयर जमीन पर वक्फ की संपत्ति नहीं होने का वाद मप्र राज्य वक्फ अधिकरण में दायर किया था। 2 फरवरी 2013 को यह वाद किया था। 2 फरवरी 2013 का यह वाद खारिज कर दिया गया। इसके बाद मेहमूद अली ने हाइकोर्ट में अपील की थी। हाइकोर्ट में इस प्रकरण(क्रमांक सीआर-48/2013) पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है और प्रकरण में स्थगन है। ट्रिब्यूनल में प्रकरण के चलते हुए ही जमीन का सौदा भी हो गयाहाइकोर्ट में प्रकरण में स्थगन होने के बावजूद यहां मल्टी तन गई और अब इसके फ्लेट भी बुक होना शुरू हो गए हैं।


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