सुपारी का खर्च

पान-सुपारी का खर्च


शुक्रवार, १२ सितम्बर। भारत में पान खरीदने पर कितना धन व्यय होता है, इसका मोटा अनुमान हाल ही में लगाया गया है। अनुमान लगाया जाता है कि भारत के लोग करीब ६ करोड़ रुपए के पान सालाना खा जाते हैं। यह केवल पान के पत्तों का खर्च है। सुपारी, कत्था, चूना, तम्बाकू वगैरह का खर्च इसमें शामिल नहीं है। पान की खपत किस कदर है, इसका पता इसी बात से लगाया जाता है कि एक करोड़ से कुछ अधिक आबादी के राज्य हैदराबाद में साल में करीब पन्द्रह लाख रुपए के पान के पत्ते खर्च होते हैं। काफी पत्ते बाहर से आते हैं। करीब दस लाख रुपए बाहर चला जाता है। इस रुपए को पान के स्थानीय उत्पादन से बचाने का यत्न जारी है। अब अनुसन्धान के फलस्वरूप पता चला है कि करीब-करीब सारी अवस्थाएं निजाम सरकार के सिंचाई के इलाके में पान की खेती करके पूरी की जा सकती हैं। पान की खेती कठिन है। उसे सतत सिंचाई की आवश्यकता होती है। अतिरिक्त धूप से भी उसको बचना पड़ता है। लड़की का अपहरण- मलकागंज, सब्जी मण्डी से १३-१४ साल की नाबालिग लड़की मुसम्मात फातमा के अपहरण की सूचना मिली है। कहा जाता है कि जब लड़की की मां घर पर नहीं थी, एक युवक उसे बुर्का पहनाकर कहीं ले गया।


 


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