स्वदेशी लड़ाकू विमान

स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में कल भरेंगे उड़ान


केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान में उड़ान भरने वाले हैं राजनाथ यह उड़ान 19 सितंबर को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भरेंगे। पिछले शुक्रवार को तेजस के नौसेना संस्करण की सफल अरेस्ट लैंडिंग की गई थीइसलैंडिंग के दौरान नीचे से लगे तारों की मदद से विमान की रफ्तार कम कर दी जाती है। इस तरह से तेजस ने विमान वाहक पोत पर उतरने की अपनी काबिलियत दिखाई थी। जानकारी के मताबिक. तेजस की स्पीड उस वक्त 244 किलोमीटर प्रति घंटा थी और सिर्फ 2 सेकंड में उसे जीरो कर लैंड करके दिखाया गया। स्वदेशी तकनीक से विकसित भारत के इस हल्के लड़ाकू विमान के 'अरेस्टेड लैंडिंग' से जुड़े सैन्य अधिकारियों ने बताया कि इस सफल परीक्षण से भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में पहुंच गया है जो विमानवाहक पोत पर उतरने में सक्षम जेट विमान का डिजाइन तैयार करने में समर्थ है तेजस की विशेषताएं तेजस एयरक्राफ्ट की सर्वाधिक स्पीड 1.6 मैक है। 2000 किमी की रेंज को कवर करने वाले तेजस का अधिकतम थ्रस्ट 9163 केजीएफ हैइसमें ग्लास कॉकपिट, हैलमेट माउंटेड डिस्प्ले. मल्टी मोड रडार, कम्पोजिट स्टक्चर और फ्लाई बाई वायर डिजिटल सिस्टम जैसे आधुनिक फीचर हैं। इस जेट पर दो आर-73 एयर-टू-एयर मिसाइल, दो 1000 एलबीएस क्षमता के बॉम्ब, एक लेजर डेजिग्नेशन पोड और दो ड्रॉप टैंक्स हैं। डीआरडीओ कर रहा विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) एयरॉनोटिकल डिवेलपमेंट एजेंसी, हिंदुस्तान एयरॉनोटिक्स लिमिटेड के एयरक्रॉफ्ट रिसर्च एंड डिजाइन सेंटर और सीएसआईआर के साथ मिलकर तेजस के इस नौसेना संस्करण के विकास में जुटा है। वायुसेना में शामिल गौरतलब है कि वायुसेना तेजस विमानों की एक खेप अपने बेड़े में शामिल कर चुकी है। शुरू में हिंदुस्तान एयरॉनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को 40 तेजस विमानों के लिए आर्डर दिया गया था। पिछले साल वायुसेना ने 50,000 करोड़ रुपए में 83 और तेजस विमानों की खरीद के लिए एचएएल को अनुरोध प्रस्ताव दिया था।


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