ट्रेनें टेक्नोलॉजी' से चलेंगी

एलएचबी कोच सभी ट्रेनें अब 'हेड ऑन जेनरेशन टेक्नोलॉजी' से चलेंगी


भारतीय रेलवे ने निर्णय लिया है कि अब तक देश में सभी एलएचबी कोच वाली ट्रेनों को एक साल में नई प्रौद्योगकी 'हेड ऑन जेनरेशन टेक्नोलॉजी' यानी एचओजी प्रणाली में बदल दिया जाएगा, इसके बाद रेलवे को सालाना 1400 करोड़ रुपए विदेशी मुद्रा की बचत होगी। अब तक 342 ट्रेनों को नई तकनीकी प्रणाली से जोड़ने से 800 करोड़ है। अलग रुपए सालाना की बचत हो रही है। रेल मंत्रालय में रोलिंग स्टॉक हो रही है। सदस्य राजेश अग्रवाल ने यह बताते हुए कहा कि रेलवे की साल भर में सभी एलएचबी गाड़ियों को एचओजी प्रणाली में बदलने की योजना है। बिजली का खर्च 36 से 6 रुपए यूनिट हो जाएगा उन्होंने बताया कि 2017 में एलएचबी प्रौद्योगिकी को अपनाने का निर्णय किया गया था। इस निर्णय के बाद एचओजी परिवर्तन को अपनाने का काम अभियान शुरू किया गया। इसके तहत सभी कारों और कोचों की बिजली आपूर्ति प्रणाली में परिवर्तन किया गया है। प्रणाली परिवर्तन का काम जोनल रेलवे केसपर्द किया गया है। इस समय 36 रुपए प्रति यूनिट बिजली खर्च आता है एचओजी से यह खर्च 6 रुपए प्रति यूनिट हो जाएगा। एचओजी प्रणाली के अंतर्गत गाड़ियों में प्रकाश, वातानुकूलन, पंखे और अन्य यात्री सुविधाओं के लिए बिजली आपूर्ति की जाती है। विश्वभर में रेलवे इसी प्रणाली का इस्तेमाल करती है। इस प्रणाली के तहत बिजली इंजन से प्राप्त की जाती है और बिजली उत्पादन करने के उपकरणों तथा डीजल इंजनों का इस्तेमाल नगण्य हो जाता है। विवाहित जोडे टेन में मनाएं करवा चौथ इस साल करवा चौथ का त्योहार 17 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इसके लिए आईआरसीटीसी 'मैजिस्ट्रिक राजस्थान डीलक्स ट्रेन चला रहा है। विवाहित जोड़ों के करवा चौथ मनाने के लिए ट्रेन चलाई जा रही है। यह ट्रेन 14 अक्टूबर को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से सुबह 7 बजे निकलेगी। आगरा, जयपुर, जोधपुर और जैसलमेर होते हुए 18 अक्टूबर को वापस दिल्ली पहुंचेगी। इस ट्रेन में केवल शादीशुदा जोड़ों को ही सफर करने की अनमति होगी। एक कपल को एसी-1 में सफर करने के लिए 1,02,960 रुपए और एसी-2 के लिए 90,090 रुपए चुकाने होंगे।



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