भारत सरकार पूरे देश में 25 मई से घरेलू उड़ानें शुरू कर रही है। OTH यूं तो यह लॉकडाउन का चौथा चरण चल रहा है, जो 31 मई तक चलेगा और इसमें बहुत सारी ढील दी गई हैं। फिजिकल डिस्टेंसिंग (दो गज की दूरी) व पर्याप्त सुरक्षा मानदंड जैसे मास्क, ग्लब्स, सैनिटाइजर आदि मेनटेन करते हुए लगभग दो तिहाई अर्थव्यवस्था खुल चुकी है। सीमित दायरे में लोगों की आवाजाही भी शुरू हो गई है। लॉकडाउन से पहले तीन दिन में मरीज डबल हो रहे थे, जबकि आज 13 दिन में हो रहे हैं। देश में कोविड-19 संक्रमितों की संख्या 1.30 लाख पार चली गई है तो इनमें 54 हजार लोग ठीक भी हो चुके हैं। यानी केस भी बढ़ रहे हैं तो ठीक होने की दर भी बढ़ रही है। कंटेनमेंट व रेड जोन को छोड़कर ऑरेंज व ग्रीन जोन में हालात सामान्य बने हुए हैं। देश के अधिकांश हिस्सों में ग्रीन व ऑरेंज जोन की संख्या भी बढ़ रही है। अच्छी बात यह रही कि भारत में महामारी स्टेज दो तक ही सीमित रही, कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआऔर यही कारण है कि देश में श्रमिक ट्रेन सेवा शुरू की गई, विशेष ट्रेन चलाए जाने की भी तैयारी है और इसी कड़ी में सरकार घरेलू विमान सेवाएं शुरू कर रही है। हालांकि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, केरल व पंजाब जैसे गैर भाजपा शासित राज्य इसके लिए ना-नुकुर भी कर रहे हैं और केंद्र के फैसले पर सवाल उठाया है। राष्ट्रीय फैसले को लेकर राज्यों का ऐसा रवैया ठीक नहीं है। यह संघीय ढांचे के खिलाफ है। केंद्र और राज्य मिलकर ही संकट के समाधान कर पाएंगे। कहने के लिए विमान सेवा 31 मई के बाद शुरू की जा सकती थी, लेकिन देश में कोरोना की 25 मई को जो स्थिति है, उसमें विमान सेवा के लिए कोई दिक्कत नहीं है। अगर हमें अर्थव्यवस्था को गति देनी है तो राष्ट्रीय स्तर पर मूवमेंट जरूरी है। तमाम सुरक्षा गाइडलाइन के साथ विमान सेवा शुरू किए जाने को सकारात्मक रूप में लिया जाना चाहिए। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईजीआई) ने स्वस्थ और सुरक्षित हवाई यात्रा के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। एयरपोर्ट पर एंट्री गेट और चेक-इन जैसे स्थानों पर यात्रियों के लिए ऑटोमैटिक हैंड सैनिटाइजर मशीन, फ्लोर मार्कर सहित कई व्यवस्थाएं की गई हैं। सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है और 50 से 80 फीसदी मेन पावर के साथ उद्योग-धंधों को शुरू करने की छूट दी गई है। यह तभी संभव है जब कर्मचारी वर्क प्लेस पर पहुंच सकेंगे। इसलिए घरेलू विमान सेवा शुरू करना आवश्यक था, वरना कामकाज शुरू करने की छूट का कोई मतलब नहीं होता। सरकार को सुरक्षा गाइडलाइन के साथ ट्रेन सेवा को भी नियमित करना चाहिए। स्लीपर क्लास के साथ ट्रेन सेवा शुरू की जा सकती है। इससे देश पटरी पर लौटेगा। लॉकडाउन के चलते देश की समूची आर्थिक गतिविधि ब्रेक हो गई है। रिजर्व बैंक खुद दो बार नीतिगत दरों में कटौती कर चुका है। इसलिए देश की अर्थव्यवस्था के लिए आने वाला वक्त चुनौती भरा है। इस चुनौती से पार पाने के लिए वर्किंग फोर्स का मूवमेंट एक छोटा पर अहम कदम है। विमान सेवा की शुरूआत इसी कदम की एक कड़ी हैसरकार को चाहिए कि 31 मई के बाद लॉकडाउन बढ़ाने के बजाय सार्वजनिक एहतियात के साथ परिवहन की सभी सेवाएं शुरू करे। इससे सोशल इम्यूनिटी भी विकसित होगी। लोग अगर पब्लिक प्लेस पर दो गज की दूरी, मास्क, सेनिटाइजर, डिजिटल प्रयोग आदि अनिवार्य रूप से अपनाएंगे तो लॉकडाउन जैसा ही प्रभाव कायम रहेगा
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