बढ़ती कीमतों पर सहयोगियों ने भी सरकार को चेताया

उत्पाद शुल्क में कटौती से केंद्र का इनकार । नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को थामने के लिए उत्पाद शुल्क में कटौती से इनकार कर दिया है। एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि गिरते रुपये के कारण कच्चे तेल का आयात महंगा होता जा रहा है। सरकार का मानना है कि इस बार चालू खाता घाटा लक्ष्य से ऊपर रहेगा। सरकार का अनुमान है कि 2018-19 में वित्तीय । घाटा जीडीपी का 3.3 फीसदी रहेगा। ऐसे में दोनों ईंधन का उत्पाद शुल्क घटाकर गणित नहीं बिगाड़ा जा सकता। चुनावी साल में सरकारी खर्च को कम नहीं किया जा सकता। इससे विकास योजनाओं पर होने वाले सरकारी खर्च पर असर पड़ेगा। केंद्र सरकार पेट्रोल पर 19.48 रुपये और डीजल पर 15.33 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क वसूलती है। इसके बाद हर राज्य में वैट की दर अलग है। 0 5



जीएसटी के दायरे में लाए केंद्र : चिदंबरम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने पेट्रोल-डीजल की चिदंबरम ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा। कि दोनों उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए। कीमतों को। करों में कटौती कर कम किया जा सकता है। राज्यों को जिम्म्मेदार ठहराना बेतुका है। भाजपा 19 राज्यों में शासन कर रही है। 39 रुपये होना चाहिए पेट्रोल : कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि कच्चे तेल की मौजूदा कीमतों के हिसाब से पेट्रोल 39 रुपये और डीजल 37.50 रुपये प्रति लीटर बिकना चाहिए। सरकार दोगुने दाम पर तेल बेच रही है। अगर कीमत तुरंत नहीं घटाई गई तो । कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक आंदोलन होगा। मिले तो



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