एनसीआर के लिए बन सकता है अलग से रेरा

यूपी में दूसरे रेरा का मुख्यालय नोएडा यी ग्रेनो में बन सकता है। बेंच तो बन ही गई...। नोएडा। हरियाणा की तर्ज पर उत्तर हरियाणा के गुरुग्राम में ज्यादा समस्या प्रदेश में दो रियल एस्टेट रेगुलेटरी केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय थी। लिहाजा, गुरुग्राम के अथॉरिटी (रेरा) के गठन का प्रस्ताव के सचिव की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय लिए अलग से रेरा प्रदेश की उच्चस्तरीय कमेटी ने दिया है। कमेटी बनाई थी। कमेटी ने खरीदारों, बनाया गया है। एक रेरा पंचकूला में है, जो दूसरा रेरा केवल एनसीआर के लिए बिल्डरों व अन्य संस्थाओं को बुलाकर हरियाणा के बाकी शहरों बनाने का प्रस्ताव है, जिसका मुख्यालय समस्याएं सुनीं। के बिल्डर-खरीदारों के नोएडा या ग्रेटर नोएडा में हो सकता है। दो बैठकें कुछ अन्य कंपनियों के मामले देखता है। इसी तर्ज पर यूपी हरियाणा में भी रेरा का गठन किया गया साथ भी की गई। इसके बाद तैयार में भी उच्चस्तरीय कमेटी ने प्रस्ताव था, लेकिन गुरुग्राम में ज्यादा समस्या होने रिपोर्ट में कमेटी ने यूपी सरकार, दिया है। हालांकि, नोएडा-ग्रेटर से एक और रेरा का गठन किया गया है। प्राधिकरणों व वित्तीय संस्थानों को कुछ नोएडा में यूपी रेरा की एक बेंच दरअसल, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और प्रस्ताव दिए हैं। कहा गया है कि रियल स्थापित हो चुकी है। अब यह कहना मुश्किल है कि प्रस्ताव के तहत दूसरे यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण के अधीन एस्टेट एक्ट 2016 के मुताबिक रेरा की यहां कितनी जरूरत है। लाखों पलैट खरीदारों को मुश्किलों से जरूरत पड़ने पर एक से अधिक रेरा भी। -बलविंदर कुमार, सदस्य, यूपी रेरा उबारने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने बनाए जा सकते हैं। यह भी प्रस्ताव... फिर लाएं प्रोजेक्ट सेटलमेंट पॉलिसी ॥ बैंकों के लिए आरबीआई अलग ॥ प्राधिकरण प्रोजेक्ट सेटलमेंट गाइडलाइंस बनाए, ताकि वित्तीय पॉलिसी (पीएसपी) फिर से लाएं। सहायता से बिल्डर प्रोजेक्टों को हालांकि, जीरो पीरियड को लेकर । उबारा जा सके। बदलाव होने चाहिएं। भूमि के 10 । अंतिम समय में जो निवेशक से 30% क्षेत्रफल के मुताबिक पैसा लगाएगा उसे प्रोजेक्ट पूरा होते बिल्डर को 25 से 100% तक की। छूट का प्रस्ताव हो सकता है। तीन ही पहले चरण में फायदा लेकर बाहर जाने की अनुमति मिलेगी। साल में प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया तो यानी लास्ट-इन, फस्र्ट आउट। पीएसपी का लाभ नहीं मिलेगा। एक ही प्रॉपर्टी को बार-बार । प्रदेश सरकार एक नीति बनाए। बेचने की शिकायतें मिली हैं। इसमें जिन खरीदारों को समय लिहाजा, अगर एक खरीदार बुकिंग सीमा में घर नहीं मिले, उन्हें कराता है तो उसे एग्रीमेंट टू सेल टाइटल डीड का रजिस्ट्रेशन कराने डीड का सब-रजिस्ट्रार के पास की अनुमति मिले। रजिस्ट्रेशन कराना होगा जिसकी ॥ प्राधिकरण वकीलों का पैनल फीस मामूली होगी। इससे दूसरे । बनाए, जो खरीदारों को रेरा में चल लोग फायदा नहीं उठा पाएंगे। रहे केस की सुनवाई में मदद करे।


 


सोनिया चौधरी


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