सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के बालिका गृहों की सर्वे रिपोर्ट की तलब

नई दिल्ली। बिहार के मुजफ्फरपुर मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस मदन बी. लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने महिला व बाल विकास मंत्रालय से देश भर के 3,000 शेल्टर होम में किए गए सोशल ऑडिट और सर्वेक्षण की रिपोर्ट तलब की। केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सर्वेक्षण किया है। अंतिम रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस पर पीठ ने कहा कि मंत्रालय के पास जो भी आंकड़े हैं कोर्ट को उपलब्ध कराए जाएं। पिंकी आनंद ने कोर्ट को बताया कि केंद्र ने बिहार सरकार को एडवाइजरी जारी कर दी


सरकार को एडवाइजरी जारी कर दी है। केंद्र भी चाहता है कि ऐसी गतिविधियों में शामिल एनजीओ की फंडिंग तत्काल रोक दी जाए। सीसीटीवी कैमरे लगाने का सुझाव : बालिका गृहों की निगरानी के लिए तकनीक के इस्तेमाल का सुझाव दिया। कोर्ट। ने कहा कि एनजीओ द्वारा संचालित सभी शेल्टर होम की रोज निगरानी करने के साथ ही सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिऐ। मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी। जांच की नहीं, बच्चों की सुरक्षा की चिंता ज्यादा है : टीआईएसएस की वकील वृंदा करात ने पीठ को बताया कि बिहार में 110 ऐसे एनजीओ हैं, जिनमें 15 सरकारी पैसे पर हैं। इस पर बिहार सरकार के वरिष्ठ वकील रजति कुमार ने कहा कि आरोपियों पर कार्रवाई की जा रही है। इस पर कोर्ट ने स्पष्ट किया उसे जांच और निगरानी की चिंता नहीं है। उसको बच्चों की सुरक्षा की ज्यादा फिक्र है।



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