सुहैल और आतंकवाद !


मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिन्दू हों या हों मुस्लिम ये हिन्दोस्तां हमारा !


दैनिक समाचार,पूर्वी दिल्ली - जब उक्त पंक्तियाँ कहीं सुनाई पड़ती हैं तो निश्चय ही हम देश की आन बान शान से खुद को जोड़ लेते हैं चाहे वह हिन्दू हो या मुस्लिम, सिख्ख हो या इसाई उस समय सिर्फ और सिर्फ तिरंगे की शान के लिए मौत को भी फक्र से गले लगा लेते हैं एसे हैं हम भारतवासी I आज चलते चलते दिल में अचानक आतंकवाद से सुरक्षा का ख्याल आया, पता नहीं देश की जब बात आती है तो सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता के रूप में दिखती है I


इन्हीं चिंतित विषयों की तलाश करते करते मेरी नजर दिलशाद गार्डन के पास कलंदर कॉलोनी स्थित बस्ती सेवा केंद्र पर पड़ी तो मुझे कुछ देश भक्ति से गूंजते नारे जैसे सुनाई पड़े, मैं तेजी से वस्ती विकास केंद्र की तरफ बढ़ा तो मैंने देखा कुछ छोटे छोटे बच्चे राष्ट्र गान गा रहे थे, मेरे कदम राष्ट्र गान सुनते ही रूक गए और मेरा रोम रोम राष्ट्र गान सुनकर जोश से भर गया I


अगले ही पल उन छोटे बच्चों की नजर मुझ पर पड़ीं तो उन्होंने बड़े आदर एवं विनम्रता के साथ नमस्कार कर पूछा आपको किससे मिलना है मैंने कहा आप सबसे एवं आपके अभिवावक जी से, अयान ने दौड़कर अपने अभिवावक जी को बुलाया, महोदय ने मेरा विना परिचय पूछे बड़ी शालीनता से पूछा कहो हम आपके लिए क्या कर सकते हैं, कहते ही सुहैल ने मुझे पानी का गिलास भरा दे दिया I मेरी चिंता का समाधान मुझे अब तक लगभग मिल चूका था लेकिन मन ही मन कई प्रसन्न वार वार मुझे उन बच्चों से बात करने को विवश कर रहे थे आखिरकार प्रवन्धक महोदय ने मेरी मन की बात पढ़ कर मुझे कहा आप बच्चों से कुच्छ बात करना चाहते हो?


निसंदेह क्या यह संभव है ? जी हाँ I जैसे ही मैं बच्चों की कक्षा में पहुंचा बड़े आदर से सभी ने एक साथ राधे राधे के साथ स्वागत किया I


मेरा प्रसन्न मैंने बिना देर किये पूछ ही लिया बच्चों वारी वारी से बताओ भविष्य में क्या करना चाहते हो ? एक स्वर में सुहैल के साथ सभी बच्चों ने कहा देश के लिए कुर्वान होने का मौका जवाब स्पस्ट था फ़ौज में जाना है देश एवं देश वाशियों की आतंकवादियों से सुरक्षा करनी है, तिरंगे को विश्व में स्थापित करना है I


मैं अब हैरान हो चूका था कि इस उम्र में बच्चे कंचे खेलते हैं ये देश की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, अचानक मेरी नजर वहां लगे एक बोर्ड पर पड़ी तो बड़े बड़े अक्षरों में लिखा था “सेवा भारती” और अधिक प्रबंधक महोदय से बात कर स्पस्ट हो गया कि देश में लगभग हजारों प्रकल्प आर.एस.एस. द्वारा चलाये जा रहे हैं उनमें से यह एक प्रकल्प है जिसे “सेवा भारती” चला रही है, सेवा भारती के भी लगभग सेकड़ों ऐसे प्रकल्प हैं जिनमें संस्कार से लेकर तकनीकी शिक्षा, छोटे बच्चों से लेकर युवाओं के लिए सेकड़ों प्रकल्प एवं वृद्ध लोगों के लिए भी तरह तरह के प्रकल्प चलाये जा रहे हैं, महिलायों के लिए सेकड़ों तरह के प्रकल्प “सेवा भारती” चला रही है I अब तक "सेवा भारती" देश को सेकड़ों आई.ए.एस, पी.सी.एस, बिज़नस मैन लीडर्स इत्यादि दिए हैं जो कि देश की सेवा में कार्यरत हैं I


मेरे साथ साथ आपने भी सुना होगा कि हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी बाल्य अवस्था से आर.एस.एस. की विचारधारा से देश को विश्व में स्थापित करने का प्रयास निरंतर कर रहे हैं I


“सेवा भारती” के ये सभी प्रकल्प निःशुल्क चलते हैं आप भी “सेवा भारती” के साथ मिलकर कुछ देश हित, समाज हित एवं जन हित  में करें जहाँ भी आपको “सेवा भारती” के साथ कुछ करने का मौका मिले उसे तन, मन,धन लगा कर करिए I देश में आजकल सकारात्मक विचारधारा वाली सरकार है अयान और सुहैल इत्यादि उसका एक प्रत्यक्ष है लेकिन आवश्यकता हर घर में “सुहैल” की है I मैं जगदीश ठाकुर सुहैल के साथ साथ “सेवा भारती” टीम का ह्रदय से सम्मान करता हूँ, सेवा भारती निरंतर देश हित में सुहैल का मार्गदर्शन करती रहे जिससे उसको उसकी मंजिल मिल जाए I सुहैल के खौफ से आतंकवाद हमेशा के लिए मिट जाए I   


जगदीश सिकरवार  


Featured Post

 मध्यवर्गीय परिवारों का हाल किसी से छुपा नहीं है सरकारें आती हैं जातीं है परन्तु मध्यवर्गीय परिवारों कि हालत आज भी जस कि तस बनीं हुईं हैं इस...