आईडी नहीं बनने से छात्र

आईडी नहीं बनने से छात्रों का मैपिंग कार्य अटका


जिले के ग्रामीण अंचलों में संचालित शासकीय प्राथमिक शालाओं में अध्ययनरत बच्चे आईडी नहीं बन पाने के कारण मैपिंग से वंचित हैं। जिससे गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले इन बच्चों को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। जबकि इस सम्बंध में कलेक्टर एस विश्वनाथन कई समीक्षा बैठकों में मैपिंग कार्य पूरा करने पर जोर देते रहे हैं। वहीं जुलाई माह में आयोजित जिलास्तरीय बैठक में 15 अगस्त तक हर हाल में शत प्रतिशत मैपिंग करने के निर्देश दिए थे। किंतु अब तक मैपिंग कार्य पूर्ण नहीं हुआ है जिससे समस्या जस की तस बनी हुई है। इसकी जमीनी पड़ताल करने पर पता चला कि ग्रामीण अंचलों में विभागों का हस्तक्षेप है। पहले जनपद पंचायत से संबंधित पंचायत के बच्चों की आई बनेगी, तब कही शिक्षक बच्चों की मैपिंग कर सकेंगे। मैपिंग कार्य पूर्ण करने के दवाब के बीच जहाँ शिक्षा विभाग का मैदानी अमला पंचायत सचिव से आईडी बनाने के लिए आवेदन.निवेदन कर चुका है। लेकिन किसी न किसी कारण आईडी नही बनी है। परिणाम स्वरूप आईडी से वंचित बच्चों का स्कूलों में मैपिंग कार्य अपूर्ण है। जिसके चलते ऐसे बच्चों को शासन की योजनाओं का लाभ नही मिल रहा है। 


सदस्य आईडी जरूरी


ऑनलाइन व्यवस्था के बाद हर परिवार की समग्र परिवार आईडी जरूरी है। इसमें दर्ज सदस्यों की सदस्य आईडी से बच्चें मैप होते हैं। यह प्रक्रिया सरकारी और प्रायवेट दोनों संस्थाओं में जरूरी है। 


और मैपिंग का यह लाभ


स्कूलों में छात्र मैपिंग से ही सारी सुविधाएं मिलती है। जिनमे छात्रवृत्ति, पुस्तक, गणवेश, साइकिल सहित अन्य शासकीय सुविधाओं का लाभ मिल पाएगा। क्योंकि शासन की सभी योजनाएं ऑनलाइन हैं।


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