अधिक नमी की वजह से किसान चिंतित

अधिक नमी की वजह से पीली पड़ने लगी सोयाबीन की फसल, किसान चिंतित


क्षेत्र में बीते 15 दिन से हो रही झमाझम बारिश से किसानों की चिंता बढ़ गई है। स्थिति यह है कि नदी, नालों सहित सड़कों के किनारे स्थित खेतों में पानी भरने से फसलों को नुकसान हो रहा है। उधर ढलान के खेतों में भी बड़ी मात्रा में बारिश का पानी जमा होने से फसलों को नुकसान होने की बात किसान कह रहे हैं। दरअसल क्षेत्र में रोजाना बारिश हो रही है। गुरुवार को भी दोपहर के समय जोरदार रिमझिम बारिश अलग-अलग समय पर होती रही। लगातार बादल छाए रहने से पर्याप्त धूप भी नहीं खिल पा रही है। ऐसे में खड़ी सोयाबीन, मूंग, उड़द की फसलें गलने की आशंका के चलते पैदावार पर संकट के बादल मंडराने लगा है। नारायणपुर के किसान वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि लगातार बारिश होने की वजह से सोयाबीन की जड़ गलने लगी है। इससे पूरा पौधा चपेट में आ रहा है। सोयाबीन पीला पड़ने लगा है,जो गलन के संकेत हैं।  खेतों से नहीं निकल पा रहा बारिश का पानी सूखे के दौर से गुजर रहे थे किसान किसानों का कहना है कि करीब तीन वर्षों से सूखे का माहौल बना हआ था। जिसको लेकर रबी और खरीफ की फसल में घाटा लग रहा था। इस वर्ष अच्छा मानसून होने के कारण कर्ज लेकर बाजार से उड़द, मूंग, सोयाबीन के साथ अन्य बीजों को बोया गया था। लेकिन लगातार बारिश होने के कारण फसले खराब होने की कगार पर पहुंच गई है। जिसको लेकर किसानों को कर्ज की चिंता सताने लगी है।  टूट कर गिर रहीं फलियां ग्राम खोखला निवासी किसान उमर खान ने बताया कि अधिक बारिश होने के कारण खरीफ की फसल पर विपरीत असर दिखाई देने लगा है। स्थिति यह है कि मुंग और उडद की फलियां खेत में ही टूटकर गिरने लगी है। इसके साथ ही तिली के पेड जमीन पर गिर गए हैं। बारिश के कारण फलियां पक नहीं रहीं और वे टूट रही हैं। मूंग का सड़ना भी शुरू हो गया है। 70 से 75 दिन में तैयार होने वाली सोयाबीन में भी नुकसान शुरू हो गया है। सोयाबीन की फलियां काली पड़ने लगी हैं।  



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