से घबराई भारतीय अर्थव्यवस्था

मंदी से घबराई भारतीय अर्थव्यवस्था को सऊदी अटैक से लगेगा तेज झटका!


यमन के ईरान समर्थित विद्रोही समूह हौती ने शनिवार को सऊदी अरब के अबक्विक संयंत्र और खुरियास तेल क्षेत्र पर ड्रोन से बमबारी की, जिस कारण वहां की सरकारी तेल कंपनी सऊदी अरामको को रोजाना 60 लाख बैरल (वैश्विक तेल आपूर्ति का 6 फीसदी) का उत्पादन रोकना पड़ा, बल्कि अपनी 20 लाख बैरल की अतिरिक्त क्षमता को भी रोकनी पडी। यह सऊदी अरब के कच्चे तेल के उत्पादन में आई अब तक की सबसे बड़ी बाधा है, जो दुनिया का सबसे बड़ा तेल उत्पादक है और दुनिया की 10 फीसदी तेल की आपूर्ति करता है। ऐसे में इसका भारत पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि सऊदी अरब, इराक के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है। तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हालांकि इस आशंका से इनकार किया है कि भारत पर इसका कोई असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, 'हमें भरोसा है कि इससे हमारी तेल आपूर्ति बाधित नहीं होगी, लेकिन सरकार स्थिति पर बराबर नजर रख रही है।' हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि अगर इसके कारण तेल की कीमतें बढ़ीं और लंबे समय तक ऊंची कीमत बनी रही तो भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका असर पड़ेगा, क्योंकि भारत अपनी जरूरत का 83 फीसदी तेल का आयात करता है। अगर जल्दी हल नहीं निकला तो और बढेगी परेशानी : केडिया कमोडिटी के निदेशकअजय केडिया ने कहा, कच्चे तेल की कीमत कल दोबारा 65.92 की सीमा पार कर 70.00 डॉलर प्रति बैरल की सीमा तक पहंच गई.जो आने वाले समय में कीमत में वृद्धि का संकेत है, क्योंकि अगला सकारात्मक लक्ष्य 69.50 दिखाई देता है और यह 72.60 पर भी जा सकता है। लिहाजा दिन के कारोबार के दौरान और अल्पकालिक आधार पर कीमत बढ़ने की संभावना है और यह 72.65 डॉलर तक पहुंच सकती है। 


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