भ्रष्टाचार की भेंट

करोड़ों की सड़क चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट


मैनपुर क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना के तहत करोड़ों रुपए की लागत से 8 माह पहले सड़क का निर्माण कार्य किया गया, लेकिन गुणवत्ताहीन सडक निर्माण के चलते पहली ही बारिश में सडक जगह जगह से उखडकर बह गई । जो सडक निर्माण में भारी भ्रष्टाचार की पोल खोलने के लिए काफी है। करोड़ों रुपए के सडक निर्माण के बावजूद इसका लाभ इस क्षेत्र के गांव के लोगों को नहीं मिल पा रहा है सडक निर्माण से पहले पुल पुलिया का निर्माण किया जाना था____ पुल पुलिया के निर्माण नहीं किये जाने से आज भी दर्जनों गांव टापू में तब्दील हो जाता हैं। गौरतलब है कि विशेष जनजाति कमार ग्राम सिंहार और उसके आसपास के आश्रित ग्रामों के लोगों द्वारा पक्की सडक निर्माण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन, आंदोलन किया गया था। इसके बाद सरकार ने इस ग्राम की सुध ली। ग्राम जिडार से सिंहार तक तीन किमी सड़क निर्माण के लिए लागत 122.65 लाख रुपए स्वीकृत कर 6 जनवरी 2017 को कार्य प्रारंभ किया गया। तीन किलोमीटर सडक निर्माण का कार्य आठ माह पूर्व पूर्ण हो चुका है। इस मार्ग पर तीन स्थानों पर नदी नाले हैं। आमागुडा नाला, पैरी नदी नाला,  सिहार नदी पर पुल पुलिया का निर्माण नहीं किए जाने से बारिश भर ग्राम सिहार व आसपास के दर्जनभर पारा टोला टापू में तब्दील हो जाते हैं। करोड़ों की सडक के  बावजूद इन दिनों इन ग्रामो में पहुंचना बेहद मुश्किल है। नदी में पानी चल रही है। यहां पैदल चलना भी मुहाल है। पुल पुलिया के अभाव में इस सड़क का कोई औचित्य नहीं  है। ग्रामीण बिसाहू राम कमार, सोहन लाल, रामसाय कमार, दुर्जन कमार, भारत कमार, मुकेश ठाकुर, तुलाराम नागेश, संतोष नेताम ,जंगजीवन सोरी ने बताया कि जब इस मार्ग पर सडक निर्माण कार्य का सर्वे कार्य प्रारंभ किया गया था। तब ग्रामीणों ने नदी में पहले पुल पुलिया निर्माण की मांग की थी। क्योंकि बारिश के दिनों में पुल पुलिया के अभाव में आवागमन अवरुद्ध हो जाता है। इन ग्रामों के लोगों को राशन लेने के लिए दूसरे ग्राम 6 किमी दूर जिडार पहुंचना पडता है। बारिश के दिनों में ग्राम सिंहार टापू में तब्दील हो जाता है।



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