बूथ पर गोपनीयता भंग

बूथ पर गोपनीयता भंग करने पर होगी कार्रवाई


जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त डा. एसएस फुलिया ने कहा कि विधानसभा आम चुनाव 2019 को सफल व शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न करवाने के लिए आरओ व एआरओ को बूथ लेवल प्लानिंग बनानी होगी। इस प्लानिंग के 13 बिन्दुओं को जहन में रखकर काम करना होगा। बूथ पर वोट डालने वाले की गोपनीयता को भंग करने वाले के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। वे शनिवार को देर सायं लघुसचिवालय के सभागार में विस चुनाव 2019 की तैयारियों को लेकर आरओ व एआरओ तथा अन्य कुठक्षेत्र सम्बन्धित अधिकारियों की एक बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने सभी अधिकारियों को 11 लाडवा, 12 शाहबाद, 13 थानेसर और 14 पिहोवा विधानसभा क्षेत्र के बारें में अधिकारियों और कर्मचारियों का प्रशिक्षण शैडयूल सही तरीके से करवाने के आदेश दिए। इसके बाद उन्होंने कन्ट्रोल यूनिट,बेल्ट यूनिट, वीवीपैट, दस्तावेजों, बूथों को चैक करने, चुनावों को लेकर अच्छी तरह से प्रशिक्षण लेने, एमसीएमसी के नियमों की पालना करने, बूथों को स्थापित करने, मोक कोल करवाने, प्रत्येक विधानसभा में एटरैन्डम बेसिस पर वीवीपैट की 5 मशीनों को चैक करने के साथ-साथ अन्य विषयों पर विस्तृत जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि वीवीपैट एक स्वंतत्र प्रिंटर प्रणाली है, जिसे इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से जोड़ा जाता है और इससे मतदाताओं को अपना मतदान बिल्कुल सही होने की पुष्टि करने में मदद मिलती है। कोई भी मतदाता वीवीपैट पर्ची को छू नहीं सकता, हालांकि मतदाता को एक पारदर्शी स्क्रीन के पीछे पर्ची 7 सैंकिंड तक दिखाई पड़ती है और आखिर में पर्ची वीवीपैट के मोहर बंद डिब्बे में चली जाती है। इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले थर्मल पेपर पर छपी हुई जानकारी 5 साल से अधिक समय तक पठनीय रहती है। वीवीपैट में कोई कैमरा नहीं होता और यह मतदाता की फोटो नहीं खींच सकता है। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य विधानसभाओं के लिए होने वाले आगामी निर्वाचनों के दौरान सभी मतदान केन्द्रों पर शत प्रतिशत वीवीपैट युक्त ईवीम का इस्तेमाल किया जाएगा।


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