क्षेत्र में जाने से पूर्व चुनौती

शोध के क्षेत्र में जाने से पूर्व चुनौती स्वीकार करें 


कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूआईईटी संस्थान में अखिल भारतीय तकनीकी संस्थान के सौजन्य से आगुमेंट रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी आयोजित कार्यशाला का शनिवार को सम्पन्न हुई। इस अवसर पर एनआईटी के मास्टर इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर आशुतोष ने कहा की बर्बरीक द्वारा अपना शीश दान देने किस हारे हुए का साथ देना और घटोत्कच और भीम के महाभारत कालीन समय में भी वर्चुअल रियलिटी को देखा गया है जिसके तथ्य आज की धारणा के अनुसार कार्य कर रहे हैं। यह विषय इतिहास से भी जुड़ा है। उन्होंने उपस्थित शोधार्थियों से अपील की जब भी वह शोध के क्षेत्र में जाते हैं तो सबसे पहले अपने शोध क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शोधार्थी को सर्विस टू कम्युनिटी पर काम करना चाहिए ताकि समाज में उसकी योगदान की चर्चा होप्रो.आशुतोष ने राष्ट्र के विकास में तकनीक के योगदान और विभिन्न सैटेलाइट के योगदान की चर्चा भी की। उन्होंने इंटरनेट में सम्बन्धित विषय की रूपरेखा को बताया।


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