देश में बार-बार से बेहतर

देश में बार-बार से बेहतर है एक साथ चुनाव करवाना : नायडू


उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने देश में बार-बार चुनाव कराए जाने को चिंता का विषय बताते हुए पूरे देश में एक साथ और व्यापक स्तर पर' चुनाव कराए जाने की वकालत की। उन्होंने यहां 'पुण्यभूषण' सम्मान समारोह में कहा, "क्योंकि चुनाव नजदीक हैं और आदर्श आचार संहिता लागू की जा रही है और कुछ मित्र(सांसद एवं मंत्री) इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते.... बार-बार चुनाव देश के लिए चिंता का विषय है। इस मौके पर प्रसिद्ध पुरातत्वविद जी बी देगलुरकर को पुण्यभूषण सम्मान से नवाजा गया। नायडू ने कहा कि चुनाव के कारण करीब डेढ महीने तक आदर्श आचार संहिता लाग रहती है और हर किसी को चुनाव, चयन और सुधार के फार्मूले का पालन करना होता है। उन्होंने कहा कि इसलिए देश हित में यही है कि देशभर में 15 दिनों के भीतर व्यापक स्तर पर एक साथ चुनाव कराए जाएं ताकि लोक कार्य से किसी प्रकार का भटकाव नहीं हो, वह कमजोर या धीमा नहीं हो पुणे। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू स्वतंत्रता सेनानी और युद्ध में घायल सैनिकों को प्रख्यात पुरातत्वविद् जीबी पुण्यभूषण पुरस्कार देते हुए।  उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने देगलुरकर की प्रशंसा करते हुए कहा कि पुरातात्विक स्थल वे पुल होते हैं जो अतीत को वर्तमान से जोड़ते है। उन्होंने कहा कि पुरातत्व शास्त्र आकर्षित करने वाला विषय है जो साक्ष्यों के साथ इतिहास की हमारी समझ विकसित करता है। इसी कारण, यह अन्य किसी मानव विज्ञान से अधिक विश्वसनीय हो सकता है। नायडू ने कहा कि पुरातत्व विज्ञान अतीत के विभिन्न आयामों का खुलासा करने में अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इसमें इतिहास का पुनः निर्माण करने और उसमें सुधार करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि पुरातत्व विज्ञान विभिन्न संस्कृतियों और सभ्यताओं की विविधता को सामने लाने में मदद करता है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने देश में पढ़ाए जाने वाले इतिहास पर सवाल उठाए हैं। पुणे में एक पुरस्कार समारोह के दौरान नायड ने कहा कि भारत में लंबे समय तक औपनिवेशिक शासन रहने की वजह से हमारे इतिहास को गलत ढंग से सामने रखा गया। यह जानबूझकर किया गया, ताकि भारत की खराब छवि पेश की जा सके।बाहर से आने वाले जिन लोगों ने देश पर हमला किया. लटा, धोखा दिया और बर्बाद किया, उनके बारे में हमें बताया जाता है कि वे महान थे। वेंकैया ने कहा कि इतिहास में शिवाजी महाराज, बासवेश्वर, ज्ञानेश्वर, रानी लक्ष्मीबाई,शंकराचार्य के बारे में ज्यादा कुछ नहीं है। लोग कहते हैं कि भारत की जीडीपी एक समय 20 फीसदी थी। भारत ने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया। हम विश्व गुरु थे। लेकिन यह सब इतिहास हमारे सामने नहीं है। मैं कहता हूँ किहमें देश का असल इतिहास लोगों के सामने रखना होगा। पुरातत्व विज्ञान में हमारे गलत इतिहास को सही करने की क्षमता है। देश के इतिहास को जानें छात्र वेंकैया ने कहा कि इस वक्त देश में राष्ट्रीय अहमियत के कई स्मारक हैं। इनके बारे में जागरूकता पैदा करना और स्कूल-कॉलेज के छात्रों को इनके बारे में बताना बेहद जरूरी है। छात्रों को नजदीकी क्षेत्रों में मौजूद ऐतिहासिक स्मारकों का दौरा कराने और इतिहास जानने पर भी जोर देने के लिए कहा।


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