मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

प्रथम नवरात्र पर मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़


शरदीय नवरात्र के प्रथम दिन रविवार को जिले में स्थित मां जगत जननी आदि शक्ति के मंदिरों में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर मां के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा अर्चना की। इस दौरान श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पहुंचकर नारियल, चुनरी व अन्य फल फूल मां के चरणों में अर्पण कर अपने परिवार की सुख शांति के लिए मन्नत मांगी। वहीं, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर त्रिलोकपुर में स्थित मां बाला सुंदरी के मंदिर में शरदीय नवरात्रों के अवसर पर पंद्रह दिवसीय मेले का शुभारंभ किया। रविवार सुबह से ही मां के भक्त अपने नजदीक स्थित मां आदि शक्ति जगज जननी मां दुर्गा के मंदिरों में पहुंचने शुरू हो गए थे। मां के भक्तों ने मंदिरों में पहुंचकर मां के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री के दर्शन किए और र नारियल आदि चढ़ा कर मन्नत मांगी। सबसे ज्यादा करीब दस हजार श्रद्धालु मां बाला सुंदरी के मंदिर में पहुंचे। महामाया मां बाला सुंदरी मंदिर में वैसे तो वर्ष भर श्रद्धालुओं का आवागमन लगा रहता है। लेकिन वर्ष में दो बार मंदिर में अश्विनी व चैत्र मास के नवरात्रों में मेला लगता है। जिसमें लाखों की संख्या में दूर-दराज से माता के दर्शनों हेतु भक्त आते हैं। सदियों पुराना है मंदिर हरियाणा की सीमा से सटा अति शांत एवं सुरभ्य प्राकृतिक परिवेश में स्थित मां बाला सुंदरी के मंदिर का इतिहास लगभग 436 साल पुराना है। त्रिपुरबाला, बालासंदुरी व त्रिभवानी तीनों देवियों के यहां विराजमान होने से यहां का नाम त्रिलोकपुर पड़ामाता बालासुंदरी के भवन सेढाई किलो मीटर दूर पूर्व दिशा में त्रिपुरा बाला ललिता देवी तथा दस किलो मीटर दूर उतर पश्चिम दिशा में त्रिभवानी का मंदिर स्थित है। इन दोनों देवियों के मध्य में माता ने स्थान ग्रहण किया है।


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