मुक्ति के संकल्प का सूत्र

यज्ञोपवीत ऋणों से मुक्ति के संकल्प का सूत्र


आर्यसमाज गंज के तत्त्वावधान में आयोजित छः दिवसीय वेद प्रचार समारोह में यज्ञ,भजन व प्रवचन के कार्यक्रम सम्पन्न हुए। आचार्य विष्णुमित्र वेदार्थी ने कहा कि उपनयन संस्कार विद्याध्ययन, यज्ञ व तीन ऋणों से मुक्त होने की प्रतिज्ञा ग्रहण करने का संस्कार है। उन्होंने कहा कि उपनयन संस्कार में मुख्य कर्म यज्ञोपवीत का धारण करना है। यज्ञोपवीत का दूसरा सत्र माता पिता के द्वारा हम पर छोड़े गये पितृऋण की याद कराता है। इस ऋण से मुक्त होने के लिये हमें भी उत्तम सन्तानों का निर्माण व माता पिता आदि की श्रद्धा पूर्वक सेवा शुश्रूषा करनी योग्य है तथा तीसरा सूत्र यज्ञोपवीती को परमेश्वर देवता के ऋण को बताता है। वहीं व्यसनों को लेकर  जागरूक किया जा रहा है। इस मौके पर आर्य समाज मंत्री भगतसिंह आर्य ने बताया कि वेद प्रचार सप्ताह चल रहा है। ये रहे शामिल कार्यक्रम में प्रमुख रूप आर्य समाज के प्रधान रितेश आर्य, उपप्रधान नरेश चन्द्र आर्य, तरूण जगवानी, सम्मी आर्य, रमेश आर्य, रामदयाल आर्य, बाबूलाल आर्य, अनूप कौशल, अतुल राठौर, राकेश आर्य, अवध नारायण आर्य, राजकुमार राठौर, महेश आर्य, राजेन्द्र राठौर, संतोष सिंह, देवकरण परमार, माखनसिंह परमार, माधौसिंह गौर, राजमल मनोरिया, श्रीपाल मालवीय, आर्यमन राठौर, सिद्धांत राठौर, राजेश्वरी आर्य, स्वेता आर्य, बिमला राठौर, रीना यादव, नेहा चौरसिया, छाया राठौर, सरला राठौर, हीरामणी चौरसिया मौजूद थे।


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