नाबालिग चालक वाहनों में भर रहे फर्राटे

शहर में वाहन चलाने वाले युवाओं की स्पीड पर लगाम नहीं है। इनमें बड़ी संख्या नाबालिग विद्यार्थियों की भी है। तेज रफ्तार वाहन दुर्घटनाओं को न्योता दे रहे हैं। युवा बाइक व स्कूटी में स्कूल व कॉलेज जा रहे हैं। तेज रफ्तार से लापरवाही पूर्वक बाइक चलाने के कारण ये खुद तो दुर्घटना के शिकार होते ही हैं, दूसरों को भी अपनी चपेट में ले लेते हैं। सड़क पर ट्रेफिक कम हो या ज्यादा, इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर जरूरी हुआ तो, वे अचानक ब्रेक लगाते हैं और दूसरे ही पल फिर तेजी से निकल जाते हैं। अगर उनसे ब्रेक लगाने में गलती हो जाए या अन्य वाहन चालक से चूक हो जाए तो खामियाजा दोनों को भुगतना पड़ता है। मजे की बात तो यह है कि अधिकांश स्कूली विद्यार्थी नाबालिग हैं। उनके पास वाहन चलाने का लाइसेंस भी नहीं है। फिर भी वे नियमों का उल्लंघन करते हुए फर्राटे से वाहन चला रहे हैंआए दिन शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही छोटी बड़ी सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए भी युवा वर्ग इससे सबक नहीं ले रहा हैं यातायात विभाग की अनदेखी से पालक भी बच्चों को बाइक की चाबी देने में जरा सी भी संजीदगी नहीं दिखा रहे। वहीं दुपहिया वाहन तीन से चार सीठ बैठकर यातायात नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं। क्षेत्र में हादसों के बढ़ने का एक कारण है शहर की विभिन्न सड़कों पर नाबालिग द्वारा वाहन चलाया जाना भी है। इसमें माता-पिता की भी विशेष भूमिका होती है कि वो अपने बच्चों को कम उम्र से ही वाहना पकड़ा दिया जा रहा है और नाबालिग चालक अपनी और दूसरों की जान से खिलवाड़ ना करे। वे उत्सुकता में वाहन लेकर शहर की सड़कों पर दौड़ने लगते है और खतरों को आमंत्रित करते है। एक ओर क्षेत्र के आलाधिकारी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नियमित जांच की बात करते हैं लेकिन क्षेत्र की सड़कों में जिस प्रकार नाबालिग वाहन चलाकर फर्राटा भरते हैं उसे रोकने कोई ठोस पहल नही की जा रही। वहीं कुछ वाहन चालक वाहन चलाते समय मोबाईल फोन में बात करते हुएगाड़ी चलाते हैं जो कभी भी बड़ी दुर्घटना का सबब बन सकता है। इस संबंध में लोगों का कहना है कि यातायात विभाग को चाहिए कि वह समय समय पर ऐसे कैंप लगाए जिसमें बालिग वाहन चालकों के लिए लायसेंस बनाने की सुविधा हो साथ ही सुरक्षा के लिहाज से हेल्मेट लगाकर वाहन चलाना भी सुनिश्चित किया जाये ताकि सड़कों पर बढ़ रहे दुर्घटनाओं को रोका जा सके।


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