फिटनेस मतलब

फिटनेस मतलब अच्छी लाइफस्टाइल


द षिकेश पांडे टीवी इंडस्ट्री के पॉपुलर C एक्टर हैं। उनको मशहूर टीवी शो 'सीआईडी' में लंबे समय तक देखा गयासीरियल 'पोरस' में उन्होंने सेनापति रिपुदमन सिंह का किरदार निभाया। इन दिनों स्टार भारत के शो 'जग जननी मां वैष्णोदेवी' की शूटिंग में व्यस्त हैं। अपनी फिटनेस पर हमेशा से ध्यान देने वाले हृषिकेश मानते हैं कि हर इंसान को फिट रहना चाहिए। हाल में ही एक मुलाकात में उन्होंने बताया अपना फिटनेस फंडा। फिटनेस के मायने  फिटनेस के मायने मेरा मानना है कि फिट रहने के लिए पहले फिटनेस के मायने पता होने चाहिए तभी आप सही दिशा में अपने कदम बढ़ा सकते हैं और फिट रह सकते हैं। मेरे लिए फिटनेस का मतलब है अच्छी-सही लाइफस्टाइल। क्योंकि फिटनेस वो नहीं है कि आप कुछ दिन जिम चले जाएं बॉडी बना लें। यह आपको कुछ दिनों तक तो सुंदर और फिट दिखा सकता है लेकिन पूरी जिंदगी नहीं। अगर आपको पूरी जिंदगी फिट और हेल्दी रहना है तो अच्छा लाइफस्टाइल अपनाना होगा।  फॉलो करता हूं रूल्स पहला और जरूरी नियम तो यह है कि मुझे अपने जीवन में कोई ऐसी चीज या आदत शामिल नहीं करनी है, जो मेरी सेहत के लिए हानिकारक हो। इसलिए मैं न तो ड्रिंक करता हूं, न ही स्मोकिंग करता हूं। कोई पान मसाला भी नहीं खाता। हिस्सा घर का खाना मैं कोशिश करता हूं कि ज्यादा से ज्यादा घर का  खाना खाऊं। रोज शूटिंग पर घर से खाना लेकर जाता हूं। जब मुंबई से बाहर शूटिंग पर जाना हो तभी बाहर का खाना खाता हूं। मैं कोशिश करता हं कि मैं जो कुछ भी खाऊं वह हेल्दी ही होखाना समय पर खाऊं, ऐसा नहीं करता कि कभी भी खा लिया। अच्छी सेहत के लिए जरूरी है कि आप अपने खान-पान पर ध्यान दें क्योंकि अधिकांश दिक्कतें गलत खानपान की वजह से ही शुरू होती हैंसकारात्मक सोच । अच्छी सेहत केवल शरीर के स्वस्थ होने से ही नहीं होती बल्कि हमारा दिमाग भी स्वस्थ होना चाहिए। हमारे शरीर की आधी समस्याएं हमारी सोच से पैदा होती हैं। हमारी नकारात्मक सोच विचार भी कई बीमारियों की जड़ होती हैं। तनाव, नींद न आना और अवसाद सब हमारी सोच से उपजे रोग हैं। इसलिए अपनी सोच को सकारात्मक रखें। अपने बारे में भी अच्छा सोचें और दूसरों के बारे में भीदूसरों को देखने के बजाय खुद पर ध्यान दें। बहुत सारे लोगों की दिक्कत यह है कि वे हमेशा यही सोचते रहते हैं कि दूसरा ऐसा क्यों कर रहा है? उसने तो नई गाड़ी ले ली है हमारे पास तो छोटी है, इस तरह की बातों को अपने दिमाग में न आने देंनकारात्मक सोच का असर खुद उस व्यक्ति पर तो पड़ता ही है, साथ ही उसके आसपास के लोगों पर भी पड़ता हैये मेरे लिए हैं जरूरी  मैं जिम जाता हूं। योग करता हूं। स्विमिंग भी करता हूं। मैं लगभग रोज खेलता हूं। जैसे बैडमिंटन या कोई और गेम। जैसे ही शट के बीच अपने में थोड़ा ब्रेक मिलता है, मैं बैडमिंटन खेलता हूं। नहीं कभी वहीं आस-पास वॉक पर चला जाता हूं। । मेरी कोशिश रहती है कि फालतू गप्पबाजी करने स्मोकिंग के बजाय अपनी फिटनेस से जुड़ी चीजों पर ध्यान दूं। अब यह सब मेरी लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चुकी हैं इसलिए मुझे अब कोई टेंशन नहीं रहती। मैं अपनी इसी लाइफस्टाइल को फॉलो करता हूं।. प्रस्तुति- रेणुखंतवाल  


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