प्रचंड जनादेश का सम्मान

प्रचंड जनादेश का सम्मान अपने मजबूत फैसलों से कर रहे हैं प्रधानमंत्री


नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों में प्रचंड जनादेश हासिल कर केंद्र की सत्ता में वापसी करने वाली मोदी सरकार ने कार्यकाल की शुरुआत ही बड़े राजनीतिक फैसलों के साथ की। इन राजनीतिक फैसलों में मजबूत इच्छाशक्ति भी दिखी और दशकों पुरानी समस्याओं को हल करने के प्रति सरकार की प्रतिब)ता भी झल की। अपने मजबूत राजनीतिक फैसलों की बदौलत आज प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के ताकतवर और लोकप्रिय नेताओं में शुमार हैं और वैश्विक नेता उनसे सलाह मशविरा करना पसंद करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से इस स्वतंत्रता दिवस पर जो संबोधन दिया उसमें उन्होंने स्पष्ट कहा था कि जो काम आपने मुझे दिया मैं वही करने के लिए आया हूं, मेरा अपना कुछ नहीं है। वाकई सरकार कैसे चलायी जाती है, प्रशासन से काम कैसे करवाया जाता है, कैसे किसी बड़ी फैसले से पहले पुख्ता तैयारी की जाती है, यह सब देश ने दशकों बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देखा है। नरेंद्र मोदी ने दोबारा प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पहले श्सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वासरा का मंत्र दिया और संविधान को नमन कर 130 करोड़ देशवासियों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूर्ण करने का बीड़ा उठाया। लोकसभा चुनाव परिणामों से एक ओर विपक्ष के महागठबंधनों की कमर टूट चुकी थी तो दूसरी ओर भाजपा आत्मविश्वास से लबरेज नजर आ रही थी। बरसों बाद देश ने देखा था कि कोई पूर्ण बहुमत वाली सरकार सत्ता में दोबारा लौटी है और कोई राजनीतिक पार्टी द्धभाजपाऋ कई राज्यों में 50 प्रतिशत से ज्यादा मत हासिल करने में सफल रही है। जाहिर है, प्रधानमंत्री के लिए जनादेश था- आप देश में व्याप्त बुराइयों को समाप्त करिये, जनता आपके साथ है। मोदी सरकार ने नयी लोकसभा में उन विधायी कार्यो से शुरुआत की जिन्हें वह अपने पिछले कार्यकाल में पूरा नहीं करवा पायी थी। लोकसभा में मोदी सरकार-2 का जो पहला विधेयक आया वह मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से आजादी दिलाने का था। राज्यसभा में राजग का बहुमत नहीं होने और इस विषय पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानि छक। के भी जदयू जैसे महत्वपूर्ण घटक का साथ नहीं मिलने के बावजूद सरकार ने यह विधेयक पारित करवाया और मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के अभिशाप से निजात दिलायी। सरकार का यह कदम मुस्लिम महिलाओं के बीच प्रधानमंत्री मोदी की छवि को और लोकप्रिय बना गया है। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनावों में भी मुस्लिम महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाजपा को वोट दिये। भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में भी तीन तलाक को खत्म किये जाने का वादा किया था। तीन तलाक विधेयक पारित होने से विपक्ष अभी सदमे से पूरी तरह उबरा भी नहीं था कि जम्मू-कश्मीर के विषय में मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला कर अनुच्छेद 370 के ज्यादातर के विषय में मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला कर अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला कर लिया अ । र संसद के दो नो सदनों की इस पर मंजूरी भी हासिल कर ली। मोदी के पि छ ल' कार्यकाल में राज्यसभा में अ । क र सरकार के विधेयकों का सफर बाधित हो जाता था लेकिन इस बार बहुमत नहीं होने के बावजूद विधेयक धड़ाधड़ पारित करा पाने में मोदी सरकार सफल रही। सरकार का यह फैसला राजनीतिक इच्छाशक्ति का इतना बड़ा उदाहरण है कि पूरी दुनिया में इसकी मिसाल मिल ना मुश्किल है । प्रखर राष्ट्र व । 



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रास्ते पर चलने वाली भाजपा की छवि इस फैसले के बाद इतनी मजबूत हुई है कि उसे आगामी विधानसभा चुनावों की भी ज्यादा चिंता नहीं है। भाजपा को लगता है कि देश ने देख लिया है कि दशकों पुरानी समस्या को जड़ से उखाड़ फेंकने और जम्मू-कश्मीर का वास्तव में भारत के साथ विलय कर एक झंडा और एक संविधान का सपना सच कर दिखाने का जो साहस मोदी सरकार ने दिखाया है उसके बाद जनता पूरी तरह मोदी सरकार के साथ खाड़ी है। कोई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जानते हैं कि यह जो प्रचंड ज्यादा बहुमत मिला है वह सिर्फ हैउन्हीं के नाम पर एनडीए को साजो मिला है इसलिए वह रहे भ्रष्टाचार और आतंकवाद दुनिया और अपनी पार्टी में भी अशिष्ट और अमर्यादित व्यवहार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की में नीति पर अडिग हैं। कान न प्रवर्तन कि एजेंसियां जिस तरह भ्रष्टाचार के मामलों हाथों में बिना किसी बाधा के कार्रवाई कर रही हैं, ऐसा बहुत प्रचंड समय बाद देखने को मिला है। किसने में सोचा था कि पूर्व गृह मंत्री और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम भ्रष्टाचार मामलों में पार्टी कभी तिहाड़ जेल की सलाखों के पीछे होंगे। कांग्रेस नेता डीके शिव कुमार, कमलनाथ के भतीजे रतुल पुरी और ऐसे ही कई अन्य बड़े नाम हैं जोकि अपने किये की सजा भुगत रहे हैं। प्रधानमंत्री ने हाल ही में कई सरकारी विभागों पर जो सीबीआई के छापे डलवाये उससे जनता के बीच यही संदेश गया है कि चौकीदार जागा हुआ है और चोरों को चोरी नहीं करने देगा। आतंकवाद के मुद्दे पर मोदी सरकार ने जो सख्त दिखाई है वह काबिलेतारीफ है। कानून ऐसे सख्त हो गये हैं कि कोई आतंकी बच नहीं सकता, जांच एजेंसियों को पहले से ज्यादा मजबूत बना दिया गया है, सेना को अत्याधुनिक रक्षा साजो सामान मुहैया कराये जा रहे हैं, संयुक्त राष्ट्र से लेकर दुनिया भर के देश भारत के साथ खड़े दिख रहे हैं, इसके अलावा पाकिस्तान को सरकार पूरी दुनिया में अलग-थलग करने में सफल रही है, आदि कदमों से जनता में यही संदेश जा रहा है कि सरकार सही दिशा में काम कर रही है और देश सुरक्षित हाथों में है। मोदी सरकार की राजनीतिक मजबूती की बात करें तो लोकसभा में तो उसे प्रचंड बहुमत मिला ही अब राज्यसभा में भी उसकी ताकत में भारी इजाफा हो चुका है। मोदी सरकार-2 बनने के बाद से कई राजनीतिक दलों के राज्यसभा सांसद अपनी अपनी पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम चुके हैं और अब भाजपा के टिकट पर पुनर्निर्वाचित होकर भाजपा की संख्या में वृ)ि कर चुके हैं। यही नहीं गोवा में तो लगभग पूरे कांग्रेस विधायक दल का ही भाजपा में विलय हो गया वहां कांग्रेस के 15 में से 10 विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया। सिक्किम में जहां विधानसभा चुनावों में भाजपा का खाता भी नहीं खुला था वहां विपक्षी विधायकों ने भाजपा का दामन थाम कर उसे मुख्य विपक्षी पार्टी बना दिया। इसके अलावा पश्चिम बंगाल, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश में भी अन्य दलों के विधायकों का भाजपा में आने का सिलसिला लगातार चल रहा है। लोकसभा चुनावों के बाद कई राज्यों की राजनीतिक स्थितियों में परिवर्तन आया है उसी के तहत अब कर्नाटक में भाजपा की सरकार है। यही नहीं भाजपा का हाल ही में जो सदस्यता अभियान चला। उसमें पार्टी के सदस्यों की संख्या में रिकश्वर्ड छह करोड़ का इजाफा हुआ है और अब भाजपा के सदस्यों की संख्या 18 करोड़ हो गयी है। दुनिया भर में इतनी बड़ी सदस्य दस्य संख्या वाली भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है जोकि भाजपा और मोदी सरकार की मजबूती का द्योतक है। दूसरी ओर विपक्ष मई में आये लोकसभा चुनाव परिणामों की हार से अभी तक उबर नहीं पाया है। कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी को इस्तीफा देना पड़ा और पार्टी अब तक पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं कर पायी है। समाजवादी पार्टी बिखरी पड़ी है, इंडियन नेशनल लोकदल, टीडीपी, एनसीपी, जेडी-एस जैसे कई क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के नेताओं को अपना भविष्य अधर में नजर आ रहा है। बहरहाल, मोदी सरकार राजनीतिक रूप से कितनी मजबूत हुई है, इसकी बानगी देखनी हो तो विपक्ष की ओर देखें। जी हाँ, विपक्ष खासकर कांग्रेस के नेताओं में भी सरकार के अच्छे कार्यों की तारीफ करने की होड़ मची हुई है। हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, अभिषेक मनु सिंघवी, शशि थरूर आदि इस पक्ष में दिखे कि सरकार के सकारात्मक कार्यों की तारीफ की जानी चाहिए तभी नकारात्मक कार्यों की आलोचना को जनता सही मानेगी।


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